अगर झूठी FIR हुई दर्ज तो बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: इस देश में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो पुलिस और कोर्ट कचहरी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते हैं. पुलिस का नाम सुनते ही उन्हें ऐसा लगता है कि अब लंबा समय इस पचड़े में खपाना होगा. इतना ही नहीं कई लोग तो निर्दोष होने के बावजूद भी पुलिस से डरते हैं. उन्हें डर लगा रहता है कि कहीं कोई उनके खिलाफ झूठी एफआईआर लिखकर उन्हें अंदर न डाल दें. इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप निर्दोष हैं और कोई आपके खिलाफ झूठी एफआईआर लिखवा देता है तो आप उससे कैसे बच सकते हैं.

सबसे पहले तो अगर आप निर्दोष हैं तो आपको इसमें ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं है. अदालत आपकी दलीले सुनकर ही आपको रिहा कर देगी. इसके अलावा आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 482 के तहत इस तरह के मामलों में चैलेंज किया जा सकता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सही पाईं तो रिहा कर दिए जाओगे.

क्या है धारा 482?

अगर कोई भी आपके खिलाफ झूठी एफआईआर लिखवाकर जाल साजी कर रहा है तो आप इस धारा का प्रयोग कर सकते हैं. धारा 482 के तहत वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र लगाया जा सकता है. इस पत्र के साथ आप, अपनी बेगुनाही के सबूत साझा जरुर करें. उदाहरण के तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑडियो रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफ्स, डॉक्युमेंट्स अगर आपके पास हैं तो इन्हें अदालत में जरुरु पेश करें. अक्सर आपने सुना ही होगा कि कोर्ट सबूतों के आधार पर फैसला करती है. इसलिए आपकी ओर से ऐसा कोई न कोई सबूत जरुर पेश किया जाए जिससे आपको न्याय मिलने में परेशानी न हो.

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पुलिस नहीं कर सकती गिरफ्तार:

ये तो बात थी छोटे पूरे मामलों की. अब आपको अगर कोई बड़े मामलों में जैसे कि चोरी, मारपीट, बलात्कार या किसी दूसरे मामले में आपको षडयंत्र करके फंसाया गया है तो आप हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं. गौरतलब है कि जब तक आपका केस हाईकोर्ट में चलेगा तब तक पुलिस महकमा आपके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता है. इतना ही नहीं यदि आपके खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया गया है, तब भी केस चलने के दौरान आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.

यदि आप आईपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट में अपील करना चाहते हैं तो पहले एक फाइल तैयार करें. जिसमें एफआईआर की कॉपी के साथ-साथ सारे सबूत और जरुरी डॉक्युमेंट्स जरुर लगाएं. अगर आपको ये थोड़ा पेचीदा लगता है तो आप किसी भी वकील की सहायता ले सकते हैं. हां यहां पर एक बात और है जो कि बेहद ही महत्वपूर्ण है, अगर उस पूरे मामले में आपके पास कोई गवाह है तो अपनी अपील में उसका नाम जरुर दें. इससे आपको केस में काफी हद तक आसानी होगी. तो इस तरीके से आप अपने ऊपर लग रहे झूठे आरोपों से बच सकते हैं.