EPFO : हर महीने की पहली तारीख को कुछ न कुछ छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं. मार्च का महीना खत्म होने वाला है और एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष (New Financial Year) शुरू होने वाला है. ऐसे में महीने की शुरुआत बड़े आपको बड़े बदलावों का सामना करना होगा. 1 अप्रैल से पीएफ निवेशकों (PF Investor) को एक और तगड़ा झटका लगने वाला है. अभी तक टैक्स फ्री रहने वाले प्रोविडेंट फंड पर 1 अप्रैल से टैक्स (Tax On PF) चुकाना होगा. आइए जानते हैं क्या ये नया नियम...7th Pay Commission: इन सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला है ओल्ड पेंशन स्कीम का तोहफा, सामने आई यह बड़ी अपडेट
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने Income-tax (25th Amendment) Rule 2021 को लागू करने का फैसला किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट (Budget 2021) में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation, EPFO) के खाताधारकों को बड़ा झटका दिया. वित्त मंत्री ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक का PF (Provident Fund) जमा करने पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा था.
क्या है नया नियम
नए नियम के मुताबिक अब PF में एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये तक के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाले ब्याज पर ही टैक्स छूट मिलेगा. इससे अधिक के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाले इंट्रेस्ट पर कर्मचारियों को टैक्स देना होगा. यानि ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री योगदान का कैप लगाया जा रहा है. अगर इससे ऊपर योगदान किया, तो ब्याज आय पर टैक्स लगेगा. वहीं सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ में टैक्स फ्री योगदान की सीमा 5 लाख रुपये सालाना है.
PF में निवेश इनकम टैक्स (Income Tax) कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है., लेकिन अब यह रकम आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) के 12 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर रकम इससे अधिक है तो बाकी रकम पर आपको टैक्स देना पड़ेगा. दरअसल, नए नियमों का मकसद उच्च आय वाले लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से रोकना है.