Indo-China Stand-Off: चीनी राजदूत सुन वेदोंग ने कहा- भारत चीन के लिए खतरा नहीं बल्कि एक अवसर है, बातचीत से संभाला जाए सीमा विवाद
भारत और चीन के जवान I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच एक बार फिर भारत में चीन के राजदूत सुन वेदोंग (Sun Weidong) की ओर से बयान जारी किया गया है. अब उन्होंने भारत और चीन के रिश्तों में सुधार लाने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी सहमती और बातचीत के जरिए विवाद को संभाला जा सकता है. भारत चीन के लिए खतरा नहीं बल्कि एक अवसर के सामान है. वहीं, भारत और चीन के बीच वार्ता को लेकर गतिरोध बना हुआ है. Indo-China Stand-Off: सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बड़ा बयान, कहा- चीन से बातचीत विफल होने पर निपटने के लिए सैन्य विकल्प मौजूद

चीन-भारत यूथ वेबिनार कार्यक्रम में चीनी राजदूत सुन वेदोंग ने कहा “चीन भारत को प्रतिद्वंद्वी के बजाय एक साझेदार के रूप में देखता है. भारत चीन के लिए खतरा नहीं बल्कि एक अवसर है. द्विपक्षीय संबंधों में सीमा विवाद एक उचित स्थान पर रखने की उम्मीद करते हैं. बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को ठीक से संभाला जा सकता है और द्विपक्षीय संबंधों को पहले जैसा फिर किया जा सकता है.” हमें ‘‘चीनी वायरस’’ को दूर करना होगा और यह हो भी रहा है : ट्रम्प

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद उत्पन्न तनाव बरकरार है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियां सीमा के पास कई विवादित बिंदुओं पर डेरा जमाये हुई हैं. पीएलए ने जुलाई के मध्य से ही वहां से हटने से मना कर दिया है और निर्माण कार्य शुरू किया.

वहीं चीन ने पैंगोंग त्सो के उत्तर और देपसांग में अपनी वर्तमान सैन्य स्थिति से पीछे हटने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा, चीन ने नई दिल्ली और काठमांडू के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए ट्रिगर बने लिपुलेख में भी अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है. लिपुलेख भारत, नेपाल और चीन के बीच एक जंक्शन है जो कालापानी घाटी में स्थित है.