संयुक्त राष्ट्र: भारत को 184 मतों के भारी बहुमत के साथ सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट के लिए चुना लिया गया है. भारत ने अपना चुनाव अभियान आतंकवाद से लड़ने और 'वसुधैव कुटुम्बकम'- विश्व एक परिवार है- की भावना को बढ़ावा देने के संदेश के साथ चलाया था.
भारत सुरक्षा परिषद में ऐसे वक्त में चुना गया है, जब लद्दाख में वह परिषद के स्थायी सदस्य चीन के साथ संघर्ष की स्थिति में है और दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव बना हुआ है. संयुक्त राष्ट्र में 31 जुलाई तक घर से काम करने की व्यवस्था रहेगी लागू
भारत ने 55 सदस्यीय एशिया प्रशांत समूह के सर्वसम्मत समर्थन से संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय में एशिया प्रशांत सीट पर जीत दर्ज की. समूह के भारी समर्थन ने इसमें शामिल चीन और पाकिस्तान को भी भारत का साथ देने पर बाध्य किया.
हालांकि, भारत एशिया की तरफ से से निर्विरोध आगे बढ़ा लेकिन भारत को आठ अन्य देशों ने गुप्त मतदान में वोट नहीं दिया. इस मतदान में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 192 ने भाग लिया.
मतदान के बाद, भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने एक वीडियो बयान में कहा, "हमें विश्वास है कि भारत कोविड के दौरान और कोविड के बाद विश्व को नेतृत्व और सुधार के साथ बहुध्रुवीय प्रणाली को दिशानिर्देश देता रहेगा."
उन्होंने कहा, "सुरक्षा परिषद में हमारा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और उनके प्रेरणादायी वैश्विक नेतृत्व के फलस्वरूप हुआ है." भारत वीटो शक्ति के बिना अस्थायी सदस्य के रूप में आठवीं बार अपने दो साल के कार्यकाल की सेवा प्रदान करेगा.
Our presence on the Security Council and our performance there over the next 2 years will underscore the value that a country like India brings to the table & reaffirm our credentials to be a permanent member of UNSC: Vikas Swarup, Secretary (West), MEA pic.twitter.com/CrYaxXkN3h
— ANI (@ANI) June 18, 2020
वहीं, भारत एक स्थायी सीट प्राप्त करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र के सुधारों पर समानांतर काम करता रहेगा. भारत, इंडोनेशिया का स्थान लेगा जिसका कार्यकाल परिषद में इस वर्ष के अंत में समाप्त हो रहा है. दो एशियाई अस्थायी सदस्यों में भारत, अब परिषद में वियतनाम के साथ होगा.
गौरतलब है कि दस अस्थायी सुरक्षा परिषद की सीटें पांच क्षेत्रीय समूहों के बीच वितरित की जाती हैं और हर साल पांच सीटों के लिए चुनाव होते हैं, जो कि हर एक साल बाद रिक्त हो जाती हैं.
भारत के अलावा मैक्सिको, नार्वे और आयरलैंड सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य चुने गए हैं. अफ्रीकी सीट पर केन्या और जिबूती में कोई दो तिहाई मत हासिल नहीं कर सका, इसलिए इनमें किसी का निर्वाचन नहीं हुआ. इनके बीच बाद में फिर चुनाव होगा. कनाडा को चुनाव में हार नसीब हुई है.
तिरुमूर्ति ने मतदान से पहले भारत के लिए अपील करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा, "सुरक्षा परिषद में भारत की उपस्थिति हमारे लोकाचार को दुनिया के सामने लाने में मदद करेगी, जो कि 'वसुधैव कुटुम्बकम-दुनिया एक परिवार है' का है."
इससे पहले नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा अनावरण किए गए एक चुनाव अभियान दस्तावेज में भारत ने अपने '5एस अप्रोच' सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि को सामने रखा था. दस्तावेज में भारत के एजेंडे के बारे में बताया गया, जिसमें कहा गया कि कोविड-19 काल के बाद सुधार के साथ बहुध्रुवीय प्रणाली की जरूरत है.