नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच वार्ता होगी. एक तरफ केंद्र सरकार को आज की बातचीत के सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है, तो दूसरी तरफ किसान संघ बातचीत के आधार पर आगे की रणनीति तय करने वाले है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी. शीर्ष अदालत ने मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्यों को नामित किया गया है. हालांकि कमेटी में शामिल एक सदस्य भाकियू नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की घोषणा की है. ऐसे में आज की निर्धारित वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है. किसानों के मुद्दे पर दिल्ली में भूख हड़ताल करूंगा : अन्ना हजारे
क्रांतिकारी किसान यूनियन (Krantikari Kisan Union) के प्रमुख दर्शन पाल (Darshan Pal) ने गुरुवार को कहा “हम सरकार के साथ शुक्रवार की बैठक में शामिल होंगे. हमे आगे क्या करना है, सरकार के व्यवहार को देखकर तय करेंगे. कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति के एक सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं जो एक अच्छी बात है.”
वहीँ, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ तय नौवें दौर की वार्ता में शामिल होंगे और गतिरोध को सुलझाने तथा आंदोलन को समाप्त करने के लिए वार्ता को जारी रखना जरूरी है.
#WATCH | "On Jan 26, we'll take out a procession from Red Fort to India Gate. We will hoist the flag where we'll meet at the Amar Jawan Jyoti. It will be a historic scene where on one side we will have 'kisan' and on the other side, 'jawan'," says BKU Spokesperson Rakesh Tikait pic.twitter.com/aF6JGk1UnP
— ANI (@ANI) January 14, 2021
राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कई सप्ताह से जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में अब तक हुई आठ दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने आज दिन में कहा कि सरकार को शुक्रवार की निर्धारित वार्ता में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है. टिकैत ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी संघ शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में भाग लेंगे.
क्या किसान संघों को शुक्रवार को होने वाली वार्ता से कोई उम्मीद है, इस सवाल के जवाब में भाकियू नेता ने कहा, ‘‘देखते हैं कि क्या होता है. लेकिन, सरकार के साथ हमारी बैठकें तब तक जारी रहेंगी जब तक हमारा प्रदर्शन समाप्त नहीं हो जाता क्योंकि ऐसा होना जरूरी है.’’
उल्लेखनीय है कि किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)