Durga Puja 2020: पश्चिम बंगाल में अनोखा पांडाल, मां दुर्गा की जगह स्थापित की ‘प्रवासी मां’ की मूर्ति
प्रवासी मां की मूर्ति (Photo Credits: Twitter)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत देशभर में कोरोना वायरस महामारी के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा (Durga Puja 2020) मनाने की अनुमति मिलने के बाद तैयारियां जोरो पर है. इस साल दुर्गा पूजा पंडालों में आपको कई प्रकार की मां दुर्गा की मूर्तियां नजर आने वाली है. ऐसी ही एक अनोखी प्रतिमा कोलकाता (Kolkata) के बेहाला (Behala) में बारिशा क्लब (Barisha Club) में स्थापित की गयी है. जहाँ दुर्गा पूजा के जरिये लाखों प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों को चित्रित करने की कोशिश की गयी है. इस पहल के तहत आयोजकों ने पंडाल में देवी मां दुर्गा की जगह ‘प्रवासी मां’ की मूर्ति स्थापित की है, जिन्होंने गोद में अपने बच्चे को लिया हुआ है. Navratri and Durga Puja: नवरात्रि और दुर्गा पूजा में क्या अंतर है? प्रतिमाओं की स्थापना, अनुष्ठान से लेकर भोग और शुभ मुहूर्त तक इन दोनों उत्सवों के बारे में विस्तार से जानें

देशभर में 25 मार्च से सख्त लॉकडाउन के बाद पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से कम से कम 10 मिलियन प्रवासी श्रमिकों ने शहरों को छोड़ कर अपने घरों को लौट गए थे. पश्चिम बंगाल से भी तक़रीबन एक लाख से अधिक श्रमिक अपने गांव लौट गए थे. कुछ पूजा पंडाल महिला प्रवासियों खासकर मां के कष्ट को कलाकृति के माध्यम से दिखा रहे है. साथ ही पलायन के दृश्यों को भी पंडालों ने चित्रित किया है.

वहीं, दुर्गा पूजा त्योहार से पहले कम्युनिटी ट्रांसमिशन की चेतावनी देते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को लोगों से त्योहारों के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए कोविड-19 प्रोटोकोल का कड़ाई से पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 हवा से फैलने के उदाहरण हैं और दुर्गा पूजा त्योहार से पहले कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है.

मुख्यमंत्री ने कहा "मैं सभी से कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहती हूं, खासकर के त्यौहारी सीजन में. जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए." उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान कई लोगों ने अपनी जिंदगी खो दी. वहीं कई लोग घातक वायरस को मात देने में सफल भी हुए है.