आईटी इंडस्ट्री के एक दिग्गज और इन्फोसिस (Infosys) के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने कहा है कि शहरों में डिलीवरी करने वाले लड़के 50 हजार रुपये महीने कमा लेते हैं जो कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) से ज्यादा है. यह हास्यास्पद है. हालांकि उन्होंने कहा है कि आईटी इंडस्ट्री में शुरुआती स्तर के कर्मचारियों के सैलरी में 2018 में 20 प्रतिशत की वद्धि हुई है. पिछले सात साल से लगभग स्थिर रहने के बाद यह अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है. पई का कहना है कि देश की आईटी और स्टार्टअप कंपनियां 2019 में पांच लाख तक लोगों को रोजगार दे सकती हैं. इसकी वजह पढ़ाई पूरी कर के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों (नए कर्मचारियों) की मांग में तेजी है.
पई ने को बताया कि भारतीय आईटी इंडस्ट्री फिर से वृद्धि के रास्ते पर लौट रहा है. उन्होंने कहा कि एच1बी वीजा आवेदन प्रकिया के सख्त" होने से भारतीय कंपनियां जापान और दक्षिण पूर्वी एशिया पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. पई के मुताबिक, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद नई पीढ़ी की कंपनियों के लिए पंसदीदा स्थान बनता जा रहा है. इसकी वजह बेहतर बुनियादी ढांचा और राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामाराव की "बहुत अच्छी मार्केटिंग तकनीक" है.
अब कंपनियां "उच्च गुणवत्ता" के लोगों को आकर्षित करने के लिए शुरुआती स्तर के कर्मचारियों का वेतन बढ़ाकर 4.5 लाख से 5 लाख सालाना कर रही हैं. उन्होंने कहा कि कई साल से इन लोगों का पैकेज नहीं बढ़ा था, जिससे लोग निराश हो रहे थे. यह भी पढ़ें- प्राइवेट पार्ट में 1 किलो सोना छिपाकर ले जा रहा था शख्स, जयपुर एयरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ ने कहा कि 2019 शुरुआती स्तर के कर्मचारियों के लिये बेहतर होने जा रहा क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में तेजी आ रही है. मेरा अनुमान है कि अगले साल स्टार्टअप कंपनियां करीब 2,00,000 लोगों को भर्ती करेंगी. मेरे अनुमान के मुताबिक, आईटी और स्टार्टअप कंपनियां मिलकर अगले साल 4.5 से 5 लाख कर्मचारियों की भर्ती करेंगी.