नई दिल्ली: कोरोना (COVID-19) की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने भी भारत में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. कई राज्यों से इसके मामले सामने आ रहे हैं. कई लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं और कई अपनी जान भी गवां रहे हैं. यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि कई राज्यों ने इसे भी एक महामारी घोषित कर दिया है. ये बीमारी धीरे धीरे महामारी का रूप ले रही है. महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से ब्लैक फंगस के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. ब्लैक फंगस को राजस्थान, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश चंडीगढ़ ने महामारी घोषित किया है. जानें, कैसे कोरोना के मरीजों में मिल रहे 'ब्लैक फंगस' संक्रमण का इलाज है संभव.
कोरोना और ब्लैक फंगस से लड़ाई के बीच कोरोना की तीसरी लहर का खौफ भी है. इस बीच देश में वैक्सीन की किल्लत भी देखी जा रही है. कई राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार पर ब्रेक लगा है. ऐसे में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. राजधानी दिल्ली में सोमवार से 18 से 44 साल वालों के लिए टीकाकरण अस्थायी तौर पर रोक दिया जाएगा.
आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सोमवार से 18 से 44 साल वालों के लिए टीकाकरण अस्थायी तौर पर रोक दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लिए वैक्सीन लगभग खत्म हो चुकी है. मजबूरी में दिल्ली सरकार को यह कदम उठाना पड़ेगा.
भारत में वैक्सीन की किल्लत का असर उन पड़ोसी देशों पर भी पड़ रहा है जहां भारत पहले वैक्सीन भेज रहा था. भारत में वैक्सीन उत्पादन में आई परेशानियों और घरेलू मांग में हुए इजाफा के बीच मेड इन इंडिया वैक्सीन के निर्यात पर लगभग पाबंदी है. इसका असर नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों पर पड़ रहा है.