सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Ram Janmbhumi- Babri Masjid dispute) पर आज अहम सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट तय सकती है कि अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने 26 फरवरी को कहा था कि वह अगली सुनवाई में यह फैसला करेंगे कि इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए या नहीं. दरअसल, कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही इसके संकेत दिए थे. उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुख्य मामले की अगली सुनवाई में करीब 8 हफ्ते का वक्त है. ऐसे में बेहतर होगा कि इस समय का इस्तेमाल सभी पक्ष बातचीत के जरिए किसी हल तक पहुंचने के लिए करें.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजो की बेंच ने विभिन्न पक्षों से मध्यस्थता के जरिए दशकों पुराने इस विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किए जाने की संभावना तलाशने को कहा था और सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया था कि अगर इस विवाद का आपसी सहमति के आधार पर समाधान खोजने की एक फीसदी भी गुंजाइश हो तो मामले से जुड़े पक्षों को मध्यस्थता का रास्ता अपनाना चाहिए.
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गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा साल 2010 में सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 14 याचिकाएं दायर की गई हैं. दरअसल, हाई कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन हिस्सों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, राम लला और निर्मोही अखाड़े के बीच बांटने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस मामले का निपटारा नहीं हो पाया है.