गंगटोक: सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. 1 जून 2025 को मंगन जिले के छातेन में भूस्खलन से एक सैन्य शिविर प्रभावित हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक सेना का जवान भी शामिल है. सिक्किम प्रशासन, पुलिस और सीमा सड़क संगठन (BRO) फंसे पर्यटकों और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. 26 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 2080 लोग रह रहे हैं. बचाव दल बेहद चुनौतीपूर्ण इलाके और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में लगातार काम कर रहे हैं, ताकि लापता छह कर्मियों का पता लगाया जा सके और उन्हें बचाया जा सके. इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 5 जून तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.
लाचेन-लाचुंग में फंसे 1000 से अधिक पर्यटक
मंगन जिले के एसपी देचु भूटिया ने बताया कि लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों में 1000 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं. लगातार बारिश, भूस्खलन, पुल का ध्वस्त होना और तीस्ता नदी का उफान इसका मुख्य कारण है. शुक्रवार को शिपग्येर, अपर जोंगू क्षेत्र में भूस्खलन के कारण पर्यटकों की निकासी में देरी हुई.
रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय लोग निभा रहे अहम भूमिका
लाचुंग में स्थानीय पुलिस, वन विभाग, होटल मालिक और आम लोग मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. खास बात यह है कि होटल मालिक न केवल पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में मदद कर रहे हैं, बल्कि बच्चों को गोद में उठाकर और सामान ढोकर उन्हें कठिन रास्तों से निकालने में भी जुटे हैं.
पैदल निकल रहे लोग
फिडांग पुल का आधार भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे डोंगू क्षेत्र में गाड़ियों की आवाजाही रुक गई है. हालांकि, GREF (जनरल रिज़र्व इंजीनियर फोर्स) की मदद से पैदल लोगों को पार कराने की व्यवस्था की जा रही है. आपातकालीन वाहन और राहत सामग्री अब पैदल रास्ते से ही पहुंचाई जा रही है.
अब भी लापता हैं कई लोग
एसपी भूटिया ने बताया कि कई पर्यटक अब भी लापता हैं. एक वाहन जो पहले दिखाई दे रहा था, अब तीस्ता नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण लुप्त हो गया है. पुलिस को घटनास्थल से कुछ मोबाइल फोन और आईडी कार्ड मिले हैं, जिन्हें थाने में रखा गया है.
स्थानीय DSP ने बताया, “हमें एक शव जैसा कुछ दिखा, लेकिन वह इतनी खतरनाक चट्टान पर फंसा है कि ना तो ऊपर से देखा जा सकता है, ना ही नदी पार करके लाइफबोट से पहुंचा जा सकता है.”
मौसम विभाग की चेतावनी
IMD के अनुसार, बांग्लादेश में बना डिप्रेशन उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए जल्द ही कमजोर होकर लो-प्रेशर सिस्टम में बदल जाएगा. लेकिन तब तक पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश होती रहेगी. सिक्किम में 5 जून तक बादल छाए रहने और रुक-रुक कर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. 7 और 8 जून को भी तेज बारिश और तूफान की संभावना है. तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.













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