न्यू दिल्ली: राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली औपचारिक बैठक बुधवार को शाम 5 बजे दिल्ली में होगी. इसमें शामिल होने के लिए अयोध्या के तीनों ट्रस्टी महंत दिनेद्र दास (Mahant Dinedra Das), विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (Vilendra Mohan Pratap Mishra) और डॉ. अनिल मिश्र (Dr. Anil Mishra) दिल्ली आ गए है. शंकराचार्य बासुदेवानन्द जी सरस्वती मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे. इसके अलावा जानकारी मिली है कि महंत नृत्यगोपाल दास और विहिप नेता चंपत राय को भी ट्रस्ट की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि बैठक के दौरान नृत्य गोपाल और विहिप नेता चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.
बुधवार को शाम पांच बजे ट्रस्ट की बैठक होगी. जो तीन से चार घंटे तक चलने की उम्मीद है. बैठक में सभी सदस्य अपने अपने तरफ से सुझाव रखेंगे. सूत्रों ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की पहली बैठक राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पते आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 में ही होगी. यह वरिष्ठ वकील के. परासरण का घर है.
इस पहले शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती(Shankaracharya Swami Vasudevanand Saraswati) मंगलवार को अयोध्या से दिल्ली पहुंचे थे. अयोध्या में उन्होंने अलग से महंत नृत्यगोपाल दास व दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास से मुलाकात कर मंदिर निर्माण को लेकर मंत्रणा की थी. बताया गया है कि महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल करने की पूरी कोशिश होगी. संभव है कि बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास और चंपतराय को ट्रस्ट में शामिल करने के लिए बैठक में प्रस्ताव रखा जाए. शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती के मुताबिक ट्रस्ट की पहली बैठक में इसके गठन के साथ मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख तय करने पर चर्चा होगी .
गौरलतब है कि इससे पहले महंत नृत्यगोपालदास का नाम ट्रस्ट में शामिल नहीं होने पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी दिखाई थी. साथ ही, संतों ने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी थी. इसके बाद केंद्रीय, गृहमंत्री अमित शाह ने महंत नृत्यगोपाल दास से वार्ता करके आश्वासन दिया कि उनको ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा. सरकार का पक्ष यह रखा गया कि उन पर ढांचा विध्वंस के मामले में केस चल रहा है. इसको लेकर मंदिर विरोधी तत्व कोर्ट जा कर ट्रस्ट के गठन में अड़चन पैदा कर सकते हैं. अब तर्क दिया जा रहा है कि ट्रस्ट अब स्वतंत्र संस्था है इसका बोर्ड आफ ट्रस्टी उनको शामिल करने का फैसला ले सकता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है. ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.