राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को ट्विटर पर आशुतोष गोवारिकर (Ashutosh Gowariker) की फिल्म 'पानीपत' (Panipat) को लेकर स्थानीय लोगों के दावों को हल करने के लिए सेंसर बोर्ड (Censor Board) से दखल देने की मांग की. बॉलीवुड की फिल्म में राजा सूरजमल को गलत तरीके से चित्रित करने का आरोप है. ये भी पढ़ें: रिलीज के बाद अर्जुन कपूर की पानीपत पड़ सकती है मुश्किल में, राजस्थान में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू
मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "पानीपत को लेकर बहुत सारी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जो नहीं आनी चाहिए. सेंसर बोर्ड को मामले में दखल देना चाहिए और इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए. वितरकों को जाट समुदाय के साथ बिना देरी के बातचीत करनी चाहिए."
फिल्म बनाने से पहले किसी को भी किसी के व्यक्तित्व को सही परिप्रेक्ष्य में दिखाना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि विवाद की नौबत नहीं आए।मेरा मानना है कि कला का, कलाकार का सम्मान हो परंतु उनको भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी जाति,धर्म,वर्ग के महापुरुषों और देवताओं का अपमान नहीं होना चाहिए
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2019
उन्होंने आगे कहा कि एक फिल्म के निर्माण से पहले फिल्म के एक विशेष चरित्र का सही तरीके से चित्रण करने के लिए अध्ययन किया जाना चाहिए, जिससे कि बाद में कोई विवाद नहीं हो.
फिल्म में महाराजा सूरजमल जी के चित्रण को लेकर जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, ऐसी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए थी... सेंसर बोर्ड इसमें हस्तक्षेप करे और संज्ञान ले। डिस्ट्रीब्यूटर्स को चाहिए कि फिल्म के प्रदर्शन को लेकर जाट समाज के लोगों से अविलम्ब संवाद करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 9, 2019
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कला का सम्मान होना चाहिए और कलाकार का आदर होना चाहिए, लेकिन किसी जाति, धर्म या किंवदंती का अनादर कभी नहीं होना चाहिए.
गहलोत की प्रतिक्रिया राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह द्वारा कानून व व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए फिल्म की स्क्रिनिंग पर रोक के मांग के बाद आई है.
यह फिल्म 1761 में मराठा और अफगान राजा अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ी गई पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित है.