Saraswati Puja 2025 Wishes in Sanskrit: शुभ सरस्वती पूजा! प्रियजनों को इन WhatsApp Messages, Quotes, GIF Greetings के जरिए संस्कृत में दें बधाई
बसंत पंचमी को वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है, जिसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है. बसंत पंचमी पर ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर प्रियजनों को संस्कृत में शुभ सरस्वती पूजा कहकर विश कर सकते हैं.
त्योहार
Anita Ram|
Feb 01, 2025 11:00 PM IST
सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
Saraswati Puja 2025 Wishes in Sanskrit: बसंत पंचमी (Basant Panchami) यानी सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) का पर्व इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का त्योहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, लेकिन उन्हें इस सृजन से संतुष्टि नहीं मिली. इसके बाद इस कमी को पूरा करने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा जी ने वेदों का उच्चारण करते हुए पृथ्वी पर अपने कमंडल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उस स्थान पर कंपन होने लगा और देवी सरस्वती प्रकट हुईं. उनके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा धारण किए हुए था. उनके प्राकट्य दिवस को ही सरस्वती पूजा के तौर मनाया जाता है.
बसंत पंचमी को वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है, जिसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है. बसंत पंचमी पर ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर प्रियजनों को संस्कृत में शुभ सरस्वती पूजा कहकर विश कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Saraswati Puja 2025 Wishes: सरस्वती पूजा के इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes को भेजकर दें शुभकामनाएं
1- सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्।
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना:॥
भावार्थ: वाणी की देवी माता सरस्वती जी को नमस्कार करता हूं, जिनकी कृपा मात्र से मानव देव समान हो जाता है.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
2- शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥”
भावार्थ: शरत ऋतु में उतपन्न कमल का आसन ग्रहण करने वाली, समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मां सरस्वती जी, सदैव मेरे मुख में सब संपत्तियों के साथ विराजमान रहें.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
3- सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारंभं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
भावार्थ: हे मां सरस्वती...! हे वर देने वाली मां, कामरूपिणी. मैं विद्या आरंभ करने जा रहा हूं, मुझे सफल बनाना.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
Saraswati Puja 2025 Wishes in Sanskrit: बसंत पंचमी (Basant Panchami) यानी सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) का पर्व इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा का त्योहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, लेकिन उन्हें इस सृजन से संतुष्टि नहीं मिली. इसके बाद इस कमी को पूरा करने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु से अनुमति लेकर ब्रह्मा जी ने वेदों का उच्चारण करते हुए पृथ्वी पर अपने कमंडल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उस स्थान पर कंपन होने लगा और देवी सरस्वती प्रकट हुईं. उनके एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा धारण किए हुए था. उनके प्राकट्य दिवस को ही सरस्वती पूजा के तौर मनाया जाता है.
बसंत पंचमी को वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है, जिसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है. बसंत पंचमी पर ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर प्रियजनों को संस्कृत में शुभ सरस्वती पूजा कहकर विश कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Saraswati Puja 2025 Wishes: सरस्वती पूजा के इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes को भेजकर दें शुभकामनाएं
1- सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्।
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना:॥
भावार्थ: वाणी की देवी माता सरस्वती जी को नमस्कार करता हूं, जिनकी कृपा मात्र से मानव देव समान हो जाता है.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
2- शारदा शारदाम्भोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥”
भावार्थ: शरत ऋतु में उतपन्न कमल का आसन ग्रहण करने वाली, समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मां सरस्वती जी, सदैव मेरे मुख में सब संपत्तियों के साथ विराजमान रहें.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
3- सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि।
विद्यारंभं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
भावार्थ: हे मां सरस्वती...! हे वर देने वाली मां, कामरूपिणी. मैं विद्या आरंभ करने जा रहा हूं, मुझे सफल बनाना.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
4- सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते।।
भावार्थ: हे! महा भाग्यवती, ज्ञानदात्री, ज्ञानरूपा कमल के समान विशाल नेत्र वाली सरस्वती मां मुझे विद्या प्रदान करें. मैं आपको नमस्कार करता हूं.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
5- सरस्वति नमौ नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेदवेदान्तवेदाङ्गविद्यास्थानेभ्य एव च॥
भावार्थ: मां सरस्वती को नित्य नमस्कार है, भद्रकाली को नमस्कार है और वेद, वेदान्त, वेदांग तथा विद्याओं के स्थानों को प्रणाम है.

सरस्वती पूजा 2025 (Photo Credits: File Image)
गौरतलब है कि बसंत पंचमी को देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती के अलावा भगवान विष्णु के साथ कामदेव की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से जाना जाता है. बसंत पंचमी के दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन नवीन विद्या प्राप्ति, गृह प्रवेश और अन्य कार्यों की शुरुआत बिना कोई मुहूर्त देखे किया जा सकता है. इस दिन लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं, मां सरस्वती की पूजा में पीली वस्तुएं अर्पित करते हैं और मां सरस्वती के मंत्र 'ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः' मंत्र का जप करते हैं.
गौरतलब है कि बसंत पंचमी को देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती के अलावा भगवान विष्णु के साथ कामदेव की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से जाना जाता है. बसंत पंचमी के दिन को सभी शुभ कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन नवीन विद्या प्राप्ति, गृह प्रवेश और अन्य कार्यों की शुरुआत बिना कोई मुहूर्त देखे किया जा सकता है. इस दिन लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं, मां सरस्वती की पूजा में पीली वस्तुएं अर्पित करते हैं और मां सरस्वती के मंत्र 'ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः' मंत्र का जप करते हैं.