नई दिल्ली. गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और उनके फिटनेस सर्टिफिकेट को जारी करते समय अब फास्टैग (Fastag) की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है. बताना चाहते हैं कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इसे लेकर एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करने या उनको फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते वक्त गाड़ी में लगे फास्टैग की पूरी डिटेल्स देने के लिए कहा है.
वहीं सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि वाहन पोर्टल के साथ नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन से जोड़ दिया गया है. इसके साथ ही 14 मई को यह एपीआई के साथ लाइव हुआ है. यह भी पढ़ें-दिल्ली: जून में 23 हजार से अधिक वाहनों का हुआ पंजीकरण, 280 ई-रिक्शा भी शामिल
उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2017 में एम और एन क्लास के वाहनों को बेचते समय फास्टैग लगाना अनिवार्य किया गया था. बावजूद इसके लोग बैंक अकाउंट डिटेल और उन्हें एक्टिव करने से बच रहे थे ऐसे में इसकी अब जांच होगी. इस फैसले के बाद अब यह पता लगाया जा सकता कि यह गाड़ी फास्टैग भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का प्रयोग करता है या नहीं.