नई दिल्ली, 12 जुलाई: दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां बहाल हो रही हैं और इसके संकेत इस बात से मिले हैं कि जून में शहर में 23,000 से अधिक वाहनों का पंजीकरण हुआ जो एक महीने पहले के 8,455 वाहनों के पंजीकरण की तुलना में काफी अधिक है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को यहां बताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद कारों और दुपहिया वाहनों का पंजीकरण बढ़ा है.
दिल्ली परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अनलॉक 1’ की घोषणा के बाद वाहनों का पंजीकरण बढ़ा और महीने में कुल 23,940 पंजीकरण हुए." उन्होंने बताया कि आधिकारिक आंकडों के अनुसार जून में 18,741 दुपहिया वाहनों (मोटरसाइकिल और स्कूटरों) और 4,755 चार पहिये वाले वाहनों का पंजीकरण हुआ. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 74 तीन पहिये वाले वाहनों (माल और यात्री वाहन दोनों) और 280 ई-रिक्शों का भी पंजीकरण हुआ.
आंकड़ों के अनुसार इनकी तुलना में मई में 6,711 दुपहिया, 1,650 कारों, 72 ई-रिक्शों और सात तीन पहिये वाले वाहनों का पंजीकरण हुआ. अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 से पहले की स्थिति के मुकाबले हालात अब भी उतने ठीक नहीं हैं. तब दिल्ली में हर महीने करीब 40,000-45,000 वाहनों का पंजीकरण होता था. ऑल इंडिया कार डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जे एस नायोल ने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने कारोबार को बर्बाद कर दिया और स्थिति सामान्य होने में वक्त लगेगा.
उन्होंने कहा, "लोग आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं इसलिए वे नयी के बजाय इस्तेमाल की हुई कारों को खरीद रहे हैं. हमने सरकार से जीएसटी में छूट देने की मांग की है ताकि नयी कारों की बिक्री भी गति पकड़ सके." उन्होंने बताया कि लोग ज्यादातर एक लाख से आठ लाख तक की कीमत वाले वाहनों को खरीद रहे हैं. 10 लाख से अधिक कीमतों वाली कारों की ज्यादा मांग नहीं है. ज्यादातर मांग छोटी कारों की है.
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