Eid al-Fitr 2020: विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम (Muslim) बहुल देश में संक्रमण के करीब 22,000 मामले सामने आए हैं और 1,350 लोगों की मौत हुई है जो दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे अधिक है. इसे देखते हुए मस्जिदों या खुले मैदानों में इस बार एकजुट होकर न नमाज पढ़ी जा सकेगी, न परिवारों का मिलना-जुलना होगा और न रिश्तेदार इस बार बच्चों को ईदी (तोहफे) दे पाएंगे. जकार्ता के विश्वविद्यालय में पढ़ रहे एक छात्र अनदेका रब्बानी ने कहा, "इस प्रकोप ने न सिर्फ ईद के उल्लास को मंद किया है बल्कि पूरी परंपरा को ही अलग तरीके से मनाने पर मजबूर किया है."
इस वर्ष, रब्बानी को भी इंडोनेशिया (Indonesia) के अन्य लोगों की तरह अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को वीडियो कॉल के जरिए ईद की बधाई देनी होगी. आचेह इंडोनेशिया का एकमात्र प्रांत है, जहां इस्लामी शरिया कानून लागू है. इस बेहद रूढ़िवादी प्रांत में मस्जिदों और मैदानों में सार्वजनिक रूप से ईद की नमाज पढ़ी जा सकेगी, लेकिन ऐसा किसी से हाथ मिलाए बिना और सीमित धर्मोपदेश के साथ किया जाएगा. अल्लाह के नाम का आह्वान कर लाउडस्पीकरों के साथ सजे वाहनों की सार्वजनिक परेड इस साल प्रतिबंधित है.
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आचेह में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस (Coronavirus) का एक भी मामला सामने नहीं आया है और यहां अब तक संक्रमण के 19 मामले सामने आए हैं जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हुई है. आचेह के विपरीत, जकार्ता की मस्जिदें और मैदान, जो ईद के दिन आमतौर पर भरे रहते थे, इस बार खाली दिखेंगे.
जकार्ता में अधिकारियों ने लॉकडाउन को चार जून तक बढ़ा दिया है, सांप्रदायिक सभाओं पर रोक लगा दी है और निजी कारों के राजधानी से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जकार्ता (Jakarta) इंडोनेशिया में कोविड-19 प्रकोप का केंद्र बन गया है, जहां शनिवार तक संक्रमण के 6,515 मामले सामने आए, जिनमें से 501 लोगों की मौत हो गई है.
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