
Batik Air Plane Accident: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता केसोएकरनो हट्टा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. यहां Batik Air की एक फ्लाइट (Boeing 737, रजिस्ट्रेशन नंबर PK‑LDJ) तेज बारिश और तेज हवा के बीच लैंडिंग करते समय बुरी तरह डगमगाने लगी. विमान इतना झुक गया कि उसका दायां विंग रनवे से टकराने के बेहद करीब पहुंच गया. लेकिन पायलट की समझदारी और सतर्कता की वजह से विमान सही तरीके से लैंड कर गया और सभी यात्री सुरक्षित रहे. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
वायरल क्लिप में साफ देखा जा सकता है कि कैसे प्लेन एक तरफ झुक गया और उसका विंग ज़मीन से लगभग छूने ही वाला था. ज़रा सी चूक होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था.
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Batik Air का बोइंग 737 विमान बाल-बाल बचा
Boeing 737 ucuz kurtardı!
Batik Air’e ait uçak, Endonezya'nın Java adasında yer alan Soekarno-Hatta Uluslararası Havalimanı’na inişte büyük tehlike atlattı.
Uçak piste teker koymak için alçalırken, şiddetli yan rüzgar nedeniyle sağ kanadını piste çarpıyordu.
O anlara şahit… pic.twitter.com/dXIX6XDuK3
— Haber Air (@haberaircom) June 30, 2025
हादसे पर Batik Air ने क्या बताया?
Batik Air के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन अधिकारी ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा, “फ्लाइट के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था. पायलट ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाला और विमान सुरक्षित उतारा गया. घटना के बाद विमान की पूरी तकनीकी जांच की गई, जिसमें कोई नुकसान नहीं पाया गया.”
एक पूर्व विमानन अधिकारी ने कहा, “आज के समय में सिर्फ विमान का मजबूत होना ही काफी नहीं है, पायलटों को ऐसे हालात से निपटने के लिए बेहतर ट्रेनिंग और रियल टाइम मौसम डेटा की जरूरत होती है.”
बदलते मौसम से बढ़ रही मुश्किलें
मौसम विभाग ने बताया कि जकार्ता में उस वक्त तेज आंधी और भारी बारिश हो रही थी, जिससे अचानक तेज क्रॉसविंड (पार्श्व हवा) ने प्लेन की दिशा बिगाड़ दी. विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं अब अक्सर हो रही हैं, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम तेजी से और अप्रत्याशित रूप से बदल रहा है.
भारी बारिश, तूफान और तेज हवाएं अब सामान्य बात हो गई हैं, जिससे पायलटों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है.
भविष्य की तैयारी जरूरी
इस घटना के बाद अब इंडोनेशिया की विमानन एजेंसियां क्रॉसविंड लिमिट, रनवे की डिज़ाइन और पायलट ट्रेनिंग पर दोबारा विचार कर रही हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि हवाईअड्डों पर अब बेहतर मौसम निगरानी प्रणाली, तेज हवा की चेतावनी प्रणाली और तेज रेस्पॉन्स टीम की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके.
हालांकि इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना साफ इशारा करती है कि एयर ट्रैवल में मौसम की भूमिका अब और गंभीर हो गई है.