
नई दिल्ली: 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के भीषण हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया. हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 समेत 270 लोगों की मौत हो गई थी. प्लेन में सवार एक व्यक्ति की जान बच गई है. अब इस हादसे के कारणों की जांच तेजी से की जा रही है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने मंगलवार को बताया कि, “ब्लैक बॉक्स अभी भारत में ही है और इसे एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जांचा जा रहा है.” ब्लैक बॉक्स में दर्ज जानकारी यह स्पष्ट कर सकती है कि आखिरकार टेक-ऑफ के तुरंत बाद विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
भीषण हादसे के बाद Air India की फ्लाइट बुकिंग में 20 फीसदी तक की गिरावट, किराया भी 15 प्रतिशत घटा.
यह हादसा उस समय हुआ जब विमान ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे, जिनकी इस हादसे में मृत्यु हो गई.
DNA टेस्ट से 259 शवों की पहचान, 256 को सौंपे गए
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने जानकारी दी कि अब तक 259 मृतकों की पहचान की जा चुकी है. इनमें से 253 की पहचान DNA टेस्ट के जरिए हुई, जबकि 6 को चेहरे से पहचान कर परिवारों को सौंपा गया. “इनमें 240 यात्री और 13 क्रू मेंबर थे. अब तक 256 शव परिवारों को सौंपे जा चुके हैं.”
मृतकों में भारतीय, ब्रिटिश और अन्य विदेशी नागरिक
डॉ. जोशी ने बताया कि जो 256 शव सौंपे गए, उनमें से 180 भारतीय नागरिक, 49 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और 19 गैर-यात्री शामिल हैं. इनमें से 228 शवों को सड़क मार्ग से और 28 को हवाई मार्ग से उनके परिवारों तक पहुंचाया गया.
विमान सुरक्षा पर एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने आश्वासन दिया है कि, “हमारी Boeing 787 फ्लीट सुरक्षित है. हमने DGCA द्वारा मांगे गए सभी अतिरिक्त सुरक्षा जांच पूरे कर लिए हैं.” उन्होंने कहा कि फ्लाइट AI171 की दुर्घटना के बाद एयर इंडिया पूरी सावधानी बरत रही है और विमानन सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.
राहत राशि और सहायता केंद्र
एयर इंडिया ने यह भी बताया है कि पीड़ितों के परिवारों को 25 लाख रुपये की अंतरिम राहत राशि दी जा रही है. 15 जून से एक सेंट्रल हेल्पडेस्क भी सक्रिय है, जो परिवारों को मुआवजा प्रक्रिया में मदद कर रही है. “हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं, और उनकी हर जरूरत में साथ हैं,.”