तालिबान के एलान के तुरंत बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने टि्वटर के जरिए घोषणा की कि सरकार शांति की पेशकश करती है. यह कदम तब उठाया गया है जब कुछ दिन पहले अमेरिका के शांति दूत जलमी खलीलजाद (Zalmay Khalilzad) ने काबुल और दोहा की यात्रा की थी. खलीलजाद ने अपनी यात्रा के दौरान तालिबान और अफगान सरकार दोनों से हिंसा को कम करने तथा अंतर-अफगान वार्ता की ओर बढ़ने का अनुरोध किया था जो फरवरी में तालिबान के साथ हुए अमेरिका के शांति समझौते का अहम स्तंभ है.
तालिबान ने संघर्ष विराम की घोषणा करते हुए अपने नेता की ओर से ईद-उल-फितर (Eid al-Fitr) का एक संदेश दिया जिसमें कहा गया है कि आतंकवादी समूह शांति समझौते के लिए प्रतिबद्ध है और वह इस्लामिक व्यवस्था के तहत महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों की गारंटी का वादा करता है.
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तालिबान ने अपने आदेश में लड़ाकों को न केवल लड़ाई न करने बल्कि अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के साथ मित्रतापूर्वक व्यवहार करने का भी आदेश दिया है. शनिवार को जारी दिशा निर्देशों में तालिबान लड़ाकों को किसी भी स्थान पर दुश्मन पर हमला न करने लेकिन अगर कहीं भी दुश्मन की ओर से हमला होता है तो मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है. आदेश में तालिबान के लड़ाकों को दुश्मन क्षेत्र में घुसने के खिलाफ भी आगाह किया गया है.