पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आ गया है. इस बीच पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए भारत ने पाक जाने वाली तीन नदियों का पानी रोकने की बात कही है. भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को पूर्वी क्षेत्र की नदियों से मिलने वाले अपने हिस्से के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया. भारत के इस फैसले पर अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है. पाकिस्तान ने कहा है कि अगर भारत द्वारा पूर्वी नदियों (रावी, सतलज और ब्यास) के पानी के प्रवाह में बदलाव किया जाता है, तो इससे उसे कोई चिंता नहीं होगी. पाकिस्तान की ओर से यह बयान वहां के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल (Khawaja Shumail) ने जारी किया है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा शुमैल ने कहा कि भारत पूर्वी नदियों का पानी यदि रोकेगा तो उसका पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि ये नदियां सिंधु समझौते के तहत भारत के अधिकार में आती है. जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ख्वाजा शुमैल ने कहा, "अगर भारत पूर्वी नदियों के पानी को मोड़कर अपने लोगों की आपूर्ति करता है या अन्य उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करता है, तो हमें न तो कोई चिंता है. आईडब्ल्यूटी (Indus Waters Treaty) ऐसा करने की इजाजत देता है." बता दें कि पाकिस्तान को भारत से पाक की ओर प्रवाहित होने वाली तीन नदियों व्यास, रावी और सतलुज का पानी मिलता है. यह भी पढ़ें- पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान अब एक-एक बूंद को तरसेगा, मोदी सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला
गौरतलब है कि भारत के जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को एक ट्वीट कर बताया था कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला लिया है. हम पूर्वी नदियों के पानी के प्रवाह का मार्ग बदल देंगे और इसकी आपूर्ति जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को करेंगे." गडकरी ने कहा था कि सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली रावी, ब्यास और सतलुज का पानी डायवर्ट कर यमुना में लाया जाएगा. जो अब तक पाकिस्तान में जा रहा था. पानी को डायवर्ट करने से जम्मू- कश्मीर, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और किसान कई किस्म की फसल उगा सकेंगे. इन तीनों प्रोजेक्ट पर पहले ही काम शुरू हो चुका है.