Pakistan On Verge Of Collapse: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को खर्च घटाकर 200 अरब रुपये बचाने के लिए उपायों की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तो को पूरा कर देश को आगे बढ़ाना है. जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान आईएमएफ के साथ 1.1 अरब डॉलर की ऋण सुविधा की अगली किस्त पाने के लिए बेताब है, लेकिन वैश्विक फाइनेंसर द्वारा निर्धारित कठिन शर्तो को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है. आईएमएफ मांग कर रहा है कि पाकिस्तान अपना टैक्स बेस घटाए, निर्यात क्षेत्र के लिए छूट खत्म करे और गरीब परिवारों की मदद के लिए कृत्रिम रूप से ऊर्जा की कीमतें कम करे.
जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान को धन की सख्त जरूरत है, क्योंकि यह गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से एक महीने के आयात खर्च के लायक है. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की कि उनके मंत्रियों और सलाहकारों ने राष्ट्रीय खजाने से लाखों की रकम बचाने के लिए 'स्वेच्छा से' सरकार से वेतन नहीं लेने का फैसला किया है. यह भी पढ़े: Pakistan Petrol Crisis: कंगाल पाकिस्तान में पेट्रोल के लिए हाहाकार, लाहौर समेत इन बड़े शहरों में खत्म हुआ ईधन
उपायों के बीच सभी कैबिनेट मंत्रियों, राज्यमंत्रियों, सलाहकारों और विशेष सहायकों ने स्वेच्छा से अपना वेतन नहीं लेने का फैसला किया है.सभी मंत्री अपने बिजली, टेलीफोन, पानी और गैस के बिलों का भुगतान अपने संसाधनों से करेंगे.
सभी लग्जरी कारों को कैबिनेट सदस्यों से वापस लिया जा रहा है और नीलाम किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर मंत्रियों को सुरक्षा के लिए एक वाहन मुहैया कराया जाएगा. सरकारी अधिकारी इकोनॉमी क्लास में यात्रा करेंगे और सरकारी दौरे पर उनके सहायक उनके साथ नहीं जाएंगे. विदेश दौरों के दौरान कैबिनेट सदस्य फाइव स्टार होटलों में नहीं ठहरेंगे.
सभी मंत्रालयों, विभागों, विभागों, उप विभागों और स्वतंत्र संगठनों के मौजूदा खर्च में 15 फीसदी की कटौती होगी. देशों का दौरा करने के बजाय जूम कॉन्फ्रेंस को तरजीह दी जाएगी, बिजली और गैस बचाने के लिए दफ्तर सुबह 7.30 बजे खुलेंगे और कम बिजली खपत करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा.
शासकीय पदाधिकारियों को एक से अधिक भूखंड आवंटित नहीं किया जाएगा, शासकीय सभाओं में एक ही पकवान खाया जाएगा, अन्य सभाओं में चाय-बिस्किट परोसे जाएंगे. विदेशी गणमान्य व्यक्तियों पर भोजन निषेध लागू नहीं होगा. इसके अलावा, मॉल और बाजार अगर रात 8:30 बजे तक बंद नहीं होते हैं तो केंद्र व प्रांतों की सरकारें उनकी बिजली आपूर्ति काट देंगी.