पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस साल के अंत में नई दिल्ली में होने वाली शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में अपनी जगह किसी अन्य मंत्री को भेज सकते हैं. सरकार ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि एक मेजबान के रूप में भारत बैठक के लिए एससीओ के सभी आठ सदस्यों और चार पर्यवेक्षकों को आमंत्रित करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "भारत इस साल के अंत में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. एससीओ के सभी आठ सदस्यों के साथ-साथ इसके चार पर्यवेक्षकों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संवाद भागीदारों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा."
एससीओ चीन, रूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान के सदस्यों के साथ एक आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है. चीन की अध्यक्षता वाले इस संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी. भारत और पाकिस्तान को तीन साल पहले इसकी सदस्यता दी गई थी. इस्लामाबाद के शीर्ष सूत्रों ने हालांकि कहा है कि खान के स्थान पर उनके एक जूनियर मंत्री को इस बैठक में भेजे जाने की संभावना है.
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एक शीर्ष सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "पाकिस्तान में बालाकोट आतंकी शिविरों पर हवाई हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में गिरावट को देखते हुए प्रधानमंत्री खान के लिए भारत की अपनी यात्रा को सही ठहराना काफी मुश्किल होगा. वह एससीओ बैठक को छोड़ देंगे. सबसे अधिक संभावना है कि वह अपने विदेश मंत्री को भेजेंगे."
किर्गिस्तान में आयोजित पिछले एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के प्रायोजन, सहायता और समर्थन के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की उपस्थिति में परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा था. उस समय मोदी ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी मांगा था.