Cyclone Chido: साइक्लोन चिडो ने फ्रांस के मायोट क्षेत्र में बरपाया कहर, अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि; Video
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Cyclone Chido: भारतीय महासागर में स्थित फ्रांस के मयोटे द्वीप समूह पर चक्रवात चिडो (Cyclone Chido) ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरा इलाका तबाही के मंजर में बदल गया. शनिवार को चिडो के टकराने के बाद मयोटे में कम से कम 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या सैकड़ों से लेकर हजारों तक हो सकती है.

साइक्लोन चिडो के कारण मयोटे के राजधानी मामूजु समेत अधिकांश इलाके पूरी तरह से तबाह हो गए. स्कूल, अस्पताल, सरकारी कार्यालय, और रेस्टोरेंट ध्वस्त हो गए. पहाड़ी गांवों में केवल टूटे पेड़ और टिन-लकड़ी के मलबे बचे हैं. पूरे द्वीप पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है, केवल राजधानी मामूजु में आंशिक रूप से बिजली बहाल है. पीने के पानी की कमी से स्थिति और गंभीर हो गई है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक मौसम विभाग ने चक्रवात के बारे में 12 से 24 घंटे पहले चेतावनी दी थी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों के लोग अपनी संपत्ति की चोरी के डर से अपने घरों में ही रहे. मयोटे में रह रहे अवैध प्रवासियों ने डिपोर्ट होने के डर से सरकारी शेल्टर का सहारा नहीं लिया, जिससे उनकी स्थिति और खराब हो गई.

अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि, सैकड़ों में हो सकती है मृतकों की संख्या

चक्रवात के कारण हुई भारी तबाही

चिडो चक्रवात के दौरान हवाओं की गति 220 किमी/घंटा तक पहुंच गई. यह कैटेगरी 4 चक्रवात था, जो 1930 के दशक के बाद मयोटे में आया सबसे शक्तिशाली चक्रवात है. चक्रवात से मुख्य एयरपोर्ट क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे केवल सैन्य विमानों का संचालन हो पा रहा है. स्थानीय अस्पताल में सर्जरी, इमरजेंसी और मैटरनिटी विभागों में पानी घुस गया है.

तबाही का मंजर

राहत कार्य और चुनौतियां

फ्रांस ने नौसेना के जहाजों और सैन्य विमानों के जरिए राहत सामग्री और बचाव दल मयोटे भेजा है. द्वीप पर रह रहे लोगों को भूख और प्यास का सामना करना पड़ रहा है. मयोटे की सीनेटर सलामा रामिया ने बताया कि शरण स्थलों पर खाना और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति चिंताजनक है.

मयोटे द्वीप चक्रवात चिडो की तबाही से जूझ रहा है. राहत कार्य जारी हैं, लेकिन कई इलाकों में अभी भी मदद पहुंचना बाकी है. मयोटे फ्रांस का सबसे गरीब क्षेत्र है, यहां लगभग 3 लाख लोग रहते हैं. यहां की 75 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है.