Fact Check: आईसीएमआर ने 500 रुपए की कोरोना टेस्टिंग किट को 4,500 रुपए में खरीदा? जानिए हकीकत
फर्जी पोस्ट (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से उपजे संकट के बीच सोशल मीडिया पर फर्जी जानकरियां खूब वायरल हो रही है. ऐसी ही एक फेसबुक (Facebook) पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोनो वायरस टेस्ट किट (Coronavirus Test Kits) को महंगे दाम पर खरीदा है. इस टेस्ट किट का इस्तेमाल इंसानों में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण की पुष्टी के लिए किया जाता है.

प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक (PIB Fact Check) यूनिट ने एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि आईसीएमआर (ICMR) ने कोविड-19 के संक्रमण का पता लगाने वाली टेस्ट किट को महंगे दर पर नहीं खरीदा है. आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर (RT-PCR) के लिए 740 रुपये से 1150 रुपये और रैपिड टेस्ट किट (Rapid Test Kit) के लिए 528 रुपये से 795 रुपये की मूल्य सीमा रखी है. आईसीएमआर सस्ती दरों की पेशकश करने वाली किसी भी कंपनी से कोविड-19 जांच किट खरीदने के लिए तैयार है. Fact Check: सभी टैक्सपेयर्स को जमा करानी पड़ेगी अपनी 18% आय, केंद्र ला रही अधिनियम?

फर्जी पोस्ट में दावा किया गया था कि कोरोना किट बनाकर 17 कंपनियां 500 रुपए में देने के लिए तैयार थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठेका एक गुजराती कंपनी को दिला दिया. जो किट को 4 हजार 500 रुपए में बेच रही है.

उधर, सोमवार को आईसीएमआर ने भी रैपिड टेस्ट किट को 4500 रुपये प्रति किट की दर से खरीदे जाने के आरोपों को निराधार बताया. भारत के शीर्ष स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि यह फर्जी खबर है. आईसीएमआर ने इस कीमत पर किट खरीदने के कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा सोशल मीडिया पर लगाये गये आरोप को गलत बताते हुये कहा कि रैपिड टेस्ट किट की खरीद 528 रुपये से 795 रुपये के बीच निर्धारित की गई है. Fact Check: जापान के प्रोफेसर डॉक्टर तासुकु होंजो का दावा-चीन ने किसी लैब में बनाई है कोरोना वायरस

वहीं, आईसीएमआर ने सोमवार को कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिये चीनी कंपनियों से खरीदी गई रैपिड एंटीबॉडी जांच किट की आपूर्ति को रद्द कर दिया है. दरअसल इस किट से कोरोना जांच के सटीक परिणाम नहीं मिल रहे थे.