Bihar 'Dog Babu' Certificate Fact Check: हाल ही में बिहार के पटना में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां एक कुत्ते के नाम पर 'डॉग बाबू' नाम से निवास प्रमाण पत्र (Residential Certificate) जारी कर दिया गया. इस सर्टिफ़िकेट में माता-पिता का नाम भी कुत्तों वाला ही लिखा था. जैसे ही यह ख़बर फैली, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर दी.
इसी बीच, विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए. आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे दलों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि यह 'डॉग बाबू' वाला सर्टिफ़िकेट चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के दौरान जमा किया गया था. SIR वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और सुधार करने की एक विशेष प्रक्रिया है.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ियां हैं. AAP ने तंज कसते हुए कहा, "बिहार में अब कुत्ता भी वोटर बन सकता है."
हर नागरिक का वोट महत्वपूर्ण है।
बिहार के किसी भी मतदाता ने ऐसा दस्तावेज चुनाव आयोग में जमा नहीं किया है।
Vote of every citizen is important.
No voter of Bihar has given such document to the Election Commission.#Bihar #SIR https://t.co/W8K1auoRyQ pic.twitter.com/bL7FfV65Yw
— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 30, 2025
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
इन आरोपों के वायरल होने के बाद, भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) ने सामने आकर सच्चाई बताई और इन सभी दावों को फ़र्ज़ी करार दिया.
हर नागरिक का वोट महत्वपूर्ण है।
बिहार के किसी भी मतदाता ने ऐसा दस्तावेज चुनाव आयोग में जमा नहीं किया है।
Vote of every citizen is important.
No voter of Bihar has given such document to the Election Commission. https://t.co/cTfVxYm32N pic.twitter.com/MY9dLLpZZ8
— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 30, 2025
ECI ने अपने आधिकारिक ट्विटर (अब X) हैंडल पर स्पष्ट किया: "हर नागरिक का वोट कीमती है. हम यह साफ़ करना चाहते हैं कि बिहार के किसी भी वोटर ने SIR प्रक्रिया के दौरान हमें ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं दिया है. 'डॉग बाबू' का निवास प्रमाण पत्र गलत है और इसका चुनाव प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है."
हर नागरिक का वोट महत्वपूर्ण है।
बिहार के किसी भी मतदाता ने ऐसा दस्तावेज चुनाव आयोग में जमा नहीं किया है।
Vote of every citizen is important.
No voter of Bihar has given such document to the Election Commission.#SIR #Bihar https://t.co/4xOsP1FvIP pic.twitter.com/fNF2qDe5nu
— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 30, 2025
यह बयान तब आया है, जब तेजस्वी यादव और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेताओं ने SIR प्रक्रिया में आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ों को लेकर सवाल उठाए थे.
हर नागरिक का वोट महत्वपूर्ण है।
बिहार के किसी भी मतदाता ने ऐसा दस्तावेज चुनाव आयोग में जमा नहीं किया है।
Vote of every citizen is important.
No voter of Bihar has given such document to the Election Commission.#SIR #Bihar https://t.co/WmtRDXmXWq pic.twitter.com/faO6Cr5gbk
— Election Commission of India (@ECISVEEP) July 30, 2025
मुख्य बातें:
- सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि बिहार में एक कुत्ते के नाम का निवास प्रमाण पत्र वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए चुनाव आयोग को दिया गया.
- चुनाव आयोग (ECI) ने इस दावे को पूरी तरह से झूठा बताया है.
- आयोग ने साफ़ किया कि किसी भी वोटर ने ऐसा कोई दस्तावेज़ जमा नहीं किया है.
मसौढ़ी अंचल में ‘डॉग बाबू' के नाम से निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला संज्ञान में आते ही उक्त निवास प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है।
साथ ही आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर एवं प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले पदाधिकारी के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी… pic.twitter.com/XGB3aM1IGq
— District Administration Patna (@dm_patna) July 28, 2025
पटना DM ने सर्टिफ़िकेट रद्द किया
इस बीच, पटना के DM (ज़िलाधिकारी) ने बताया है कि 'डॉग बाबू' के नाम से जारी हुए उस फ़र्ज़ी निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है.
दावा: विपक्षी दलों ने दावा किया कि 'डॉग बाबू' का निवास प्रमाण पत्र बिहार में वोटर लिस्ट बनवाने के लिए चुनाव आयोग को सौंपा गया था.
सच्चाई: चुनाव आयोग ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. आयोग के अनुसार, उन्हें ऐसा कोई भी दस्तावेज़ किसी भी वोटर से नहीं मिला है. यह ख़बर झूठी है.













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