Champa Shashti 2019: इस दिन भगवान शिव को बैंगन और बाजरा चढ़ाने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, जानिए महत्व व पूजा विधि
भगवान शिव (Photo Credits: Facebook)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीले में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को  का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार भगवान शिव के अवतार खंडोबा या खंडेराव को समर्पित है. यह त्योहार कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का प्रमुख त्यौहार है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है. खंडोबा को किसानों, चरवाहों आदि का मुख्य देवता माना जाता है. मान्यता है कि चंपा षष्ठी व्रत करने से जीवन में खुशियां बनी रहती है. ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से पिछले जन्म के सारे पाप धुल जाते हैं और आगे का जीवन सुखमय हो जाता है. इस दिन शिवलिंग पर जल अपर्ण के बाद बैंगन और बाजरा भी चढ़ाया जाता है. इसके कारण ही इस दिन को बैंगन छठ के रूप में मनाया जाता है.

दक्षिण भारत में इस पर्व को भगवान कार्तिकेय की पूजा के साथ मनाया जाता है. भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव के पुत्र हैं. मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय ने इसी तिथि पर तारकासुर का वध किया था और देवताओं को असुरों के आतंक से मुक्त कराया था. भगवान कार्तिकेय को चम्पा के फूल पसंद हैं. इसलिए इस दिन को चंपा षष्ठी कहा जाता है.

यह भी पढ़ें- December 2019 Festival Calendar: विवाह पंचमी से हो रही है दिसंबर माह की शुरुआत, देखें इस महीने पड़नेवाले सभी व्रत, त्योहार और छुट्टियों की पूरी लिस्ट.

पूजा विधि

शिव पूजा

चंपा षष्ठी के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसके साथ ही पूजा करते समय शिवलिंग पर बैंगन और बाजरा चढ़ाया जाता है. मुख्य रूप से ये पर्व महाराष्ट्र में बनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान किया जाता है और शिव का ध्यान किया जाता है. मंदिर जाकर शिवलिंग की पूजा की जाती है. शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ाया जाता है. इसके बाद भगवान् शिव को फूल, अबीर, बेल पत्र चढ़ाया जाता है.

कार्तिकेय पूजा

चंपा षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत और पूजा का संकल्प लिया जाता है. मन में भगवान कार्तिकेय का ध्यान किया जाता है. दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इसके बाद भगवान कार्तिकेय को और पुष्प चढ़ाए जाते हैं. खासतौर से इस दिन भगवान कार्तिकेय को चंपा के फूल चढ़ाए जाते हैं. साथ ही घी, दही और जल से अर्घ्य दिया जाता है.