International Mother Language Day 2024: क्यों जरूरी है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाना? जानें इसका महत्व एवं सेलिब्रेशन!

अंतर्राष्ट्रीय भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता फैलाने, बहुभाषावाद को बढ़ावा देने तथा लुप्त हो रही मातृभाषाओं को बचाने हेतु प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है. जहां तक भारत की बात है तो यहां भी सैकड़ों भाषाएं एवं हजारों बोलियां बोली जाती है, जो इसकी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को दुनिया में अनुपम बनाती है. यहां बात करेंगे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के औचित्य, महत्व एवं सेलिब्रेशन के बारे में...

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का औचित्य

दुनिया भर में ऐसी तमाम स्थानीय भाषाएं हैं, जो या तो लुप्त हो चुकी हैं, या लुप्त होने की कगार पर हैं. एक शोध के मुताबिक विश्व की लगभग छः हजार भाषाओं में करीब 43 प्रतिशत भाषाएं लुप्तप्राय हैं. कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार हर 2 सप्ताह में, एक भाषा लुप्त हो रही है, जिसके साथ वहां की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत भी खत्म हो जाती है. इस तरह हर लुप्त होती भाषा के साथ हम बहुत कुछ खो देते हैं. इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत हुई, जो लुप्त होती भाषा के लिए एक सुरक्षा कवच सरीखा साबित हुआ है. यह भी पढ़ें : International Mother Language Day 2024: 21 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस? जानें इसका रोचक इतिहास एवं उद्देश्य!

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व

दुनिया भर में ऐसी कई भाषाएं हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर हैं. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस इन भाषाओं को संरक्षित करने की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करता है. यह भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण और प्रचार के महत्व को बढ़ाता है. यह दिवस बताता है कि हर भाषा अपनी मूल संस्कृति एवं सामाजिक पहचान का प्रतिनिधित्व करती है, इसके महत्व को समझना एवं संरक्षण देना चाहिए. इसके अलावा यह एक से अधिक भाषाओं को सीखने और उसके उपयोग को बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ के लिए बहुत जरूरी है. इस पर हुए शोध के रिपोर्ट बताते हैं कि अपनी मातृभाषा में कुछ सीखने से संज्ञात्मक विकास एवं आलोचनात्मक सोच और सीखने की क्वालिटी में सुधार हो सकता है.

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस सेलिब्रेशन

21 फरवरी को दुनिया भर के भिन्न-भिन्न मंचों पर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस से संबद्ध कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा किया जाता है.

प्रतियोगिताएंः इस अवसर पर विभिन्न देशों के स्कूल एवं कॉलेज में भाषा के महत्व के बारे में छात्रों को बताया जाता है. साथ ही मातृभाषा विषय से संबंधित निबंध, वादविवाद एवं सामान्य ज्ञान के परीक्षात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं.

रैलियांः कुछ जगहों पर मातृभाषा को बढ़ावा देने संबंधी रैलियां निकाली जाती है, जिसमें मातृभाषा को बढ़ावा देने वाली बातों का प्रचार-प्रसार किया जाता है.

एक नई भाषा सीखना: विभिन्न भाषाओं का सम्मान और सराहना करने के लिए एक नई भाषा सीखना शुरू करना चाहिए. यह कदम एक बेहतर शुरुआत हो सकती है.

प्रयासों में शामिल हों: भाषा दिवस के लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए सांस्कृतिक केंद्रों की सहायता करें. मातृभाषा के उत्थान के लिए उन्हें अपना समर्थन दें.

भाषा इतिहास की खोजः यह जानने का प्रयास करें कि भाषाएं कैसे विकसित हुईं और विभिन्न संस्कृतियों में उनका क्या महत्व है.

भाषाएँ बदलती और बढ़ती हैं: हर भाषा समय के साथ बदलती रहती है. भाषाओं का संरक्षण हमारी दुनिया को समृद्ध और विविधतापूर्ण बनाए रखने में मदद करता है.

एक से अधिक भाषाएं बोलना: दुनिया की आधी आबादी एक से अधिक भाषा बोलती है. अनेक भाषाएं सीखना न केवल उपयोगी है, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को समझने का बेहतर तरीका भी है.