रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान के पास खुद के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो गया है. जिसकी वजह से वह तनाव, अवसाद, हृदयाघात एवं दूसरी तरह की तमाम बीमारियों का शिकार बनता जा रहा है. मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि खुश रहना इंसान की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इस बात को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को खुशी दिवस (International Day Of Happiness) के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस फैसले का स्वागत संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल सभी 193 देशों ने पूरी प्राथमिकता के साथ स्वागत किया और अपने देशों में पूरी प्राथमिकता के साथ अपनाया भी. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके जीवन में खुशी के महत्व के बारे में जागरूक करना है. आइये जानें इस दिवस विशेष को मनाने का मुख्य उद्देश्य, इसका महत्व एवं वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता के बारे में जानें..
क्या है इसका इतिहास
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 12 जुलाई 2012 के संकल्प पत्र 66/281 में 20 मार्च को दुनिया भर के लोगों की खुशी और कल्याण की प्रासंगिकता, सार्वभौमिक लक्ष्यों और आकांक्षाओं की पूर्ति स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस मनाने की घोषणा की. दरअसल अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस की अवधारणा को मापने की सोच भूटान में शुरू हुई थी. 1970 में भूटान ने राष्ट्रीय आय पर राष्ट्रीय खुशी के मूल्य को प्राथमिकता दी थी, जो प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, आपसी विश्वास, स्वछंद फैसले लेने की आजादी और उदारता के आधार पर तैयार की जाती है. 66वीं महासभा में भूटान ऐसा देश माना गया, जिसने राष्ट्रीय उत्पाद पर राष्ट्रीय खुशी के लक्ष्य को अपनाने की अहमियत को महत्वपूर्ण बताया था. सुविख्यात समाजसेवी जेमी इलियन ने जीवन में खुशियों के महत्व पर बहुत काम किया है. उनके अनुसार कोई भी व्यक्ति या देश जितना खुशहाल होगा, उसी तेजी से प्रगति करेगा. यह भी पढ़ें : Government Jobs 2023: एकलव्य स्कूलों में 38,800 पदों पर शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की होगी भर्ती
महत्व
संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 सतत विकास कार्यों को लॉन्च किया, जिसमें गरीबी को समाप्त करने, असमानता कम करने और जन हितों की रक्षा करने जैसी तीन बातों पर विशेष ध्यान दिया गया था. किसी भी समाज अथवा देश के व्यक्ति के जीवन में इस दिन की खासियत से इंकार नहीं किया जा सकता. जिस दिन हमारी समझ में यह बात आ जाती है, उसी दिन से हम ज्यादा प्रोटेक्टिव हो जाते हैं, हम खुद को ही नहीं समाज को भी समझने लगते हैं. यह दिवस हमें दर्शाता है कि दूसरों की खुशी में ही अपनी खुशी निहित होती है. इस तरह हम अपने जीवन को डोर का जाने-अनजाने लंबी कर देते हैं, क्योंकि हमारे पास खुशियां होती है.
उद्देश्य
इस दिवस विशेष को सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य है कि आप अपने जीवन में खुशहाली लाने का ज्यादा से ज्यादा अवसर तलाशने और आम लोगों के बीच भी खुशियों को एक मौलिक अधिकारों के रूप में समझा कर उन्हें जागरूक करें. इस दिवस विशेष का मूल सिद्धांत यह भी है, जिस समाज एवं देश-प्रदेश में खुशहाली होती है, वही समाज और वही देश सबसे ज्यादा आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास करता है, जिसका बड़ा ही सकारात्मक असर वहां के आम जन जीवन पर भी पड़ता है.