International Mother Language Day 2024: 21 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस? जानें इसका रोचक इतिहास एवं उद्देश्य!
International Mother Language Day 2024

प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी का दिन दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस यूनेस्को के तत्वाधान में विभिन्न मातृभाषाओं एवं उसकी बहुलता को व्यक्त करने के तरीकों के उत्सव का आयोजन किया जाता है. इसके साथ-साथ स्थानीय भाषाओं की विविधता के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. इसका दिवस का मुख्य उद्देश्य है एक साझी विरासत एवं सभी के लिए विविध मातृभाषाओं में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था के लिए निरंतर कुछ नया काम करना. यहां बात करेंगे इसके इतिहास एवं सेलिब्रेशन की

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास

17 नवंबर 1999 में यूनेस्को ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की स्वीकृति दी थी, और 21 फरवरी 2000 को यूनेस्को के तत्वाधान में ही पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य था दुनिया भर में भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषिकता को बढ़ावा एवं संरक्षण प्राप्त हो. इस दिवस विशेष की प्रेरणा मिली थी, बांग्लादेश में बंगाली भाषा को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए छिड़े संघर्ष से. इस संदर्भ में साल 21 फरवरी 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में बांग्ला भाषा की मान्यता के संदर्भ में एक जन आंदोलन छेड़ा था, जिसमें बहुत से लोगों ने शहादत दी थी. यूनेस्को ने जब अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा सेलिब्रेशन की योजना बनाई तो उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान की भाषाई शहादत को ध्यान में रखते हुए 21 फरवरी की तारीख मुकर्रर किया. इसके बाद से ही 21 फरवरी को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य

यूनेस्को का मुख्य लक्ष्य था, लुप्त हो रही स्थानीय भाषाओं (मातृभाषा) को बचाना, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है. प्रत्येक वर्ष इस उत्सव को सेलिब्रेट करने हेतु एक थीम तय की जाती है, जिसमें स्वदेशी भाषाओं को संरक्षित करने और भाषा सीखने को प्रोत्साहित करने में मदद करने के नए तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. गत वर्ष 2023 के लिए जो थीम रखी गई थी, वह थी ‘बहुभाषी शिक्षा, शिक्षा में सुधार के लिए जरूरी है’. इससे पहले 2022 की थीम थी, 'बहुभाषी शिक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर, वहीं इस वर्ष यानी 2024 के लिए कोई थीम निर्धारित नहीं की जा सकी है..