मुंबई: भाषा हमारे सामूहिक अस्तित्व की नींव के रूप में कार्य करती है. अपरिचित भाषाई क्षेत्रों में जाने पर यह स्पष्ट हो जाता है. ऐसे मामलों में, भाषा का महत्व तेजी से स्पष्ट हो जाता है. निकटतम शौचालय का पता लगाने या किसी वस्तु की कीमत निर्धारित करने जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के बारे में बुनियादी पूछताछ से लेकर जटिल धार्मिक और दार्शनिक सिद्धांतों से जूझने तक, भाषा संचार को सुविधाजनक बनाने और हमारे परिवेश की जटिलताओं को समझने के लिए समाज के सबसे शक्तिशाली साधन के रूप में खड़ी है.
पूरी दुनिया में बोलियों की एक विशाल सीरीज उपलब्ध है, जिनमें घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई बोलियों से लेकर ऐसी बोलियाँ शामिल हैं जो पूरी तरह से विदेशी लगती हैं. भाषाओं की विविधता मानव संस्कृति की समृद्धि और जटिलता को दर्शाती है, अभिव्यक्ति और संचार के अनूठे रूपों को बढ़ावा देती है. World Top-10 University: ये हैं दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी, लिस्ट में है एशिया के सिर्फ एक विश्वविद्यालय का नाम
615 मिलियन लोगों की भाषा हिंदी
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर जारी वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के 22वें संस्करण इथोनोलॉज के मुताबिक दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं शामिल हैं, जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है. इथोनोलॉज में बताया गया कि दुनियाभर में 615 मिलियन लोग हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं. साल 2006 में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को हर साल विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की.
आज भी देश और दुनिया में ऐसे कई लोग है, जो हिंदी से ना सिर्फ प्रेम करते हैं, बल्कि इस पर गर्व भी करते हैं. उन्हीं लोगों के प्यार और विश्वास की वजह से आज हिंदी दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन गई है.
हिंदी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना जाता है. हिंदी शब्द का संबंध संस्कृत शब्द 'सिंधु' से माना जाता है. सिंधु नदी को 'सिंधु' के नाम से भी जाना जाता था और इसी आधार पर इसके आसपास की भूमि को सिंधु कहा जाने लगा. यही सिंधु शब्द ईरानी में जाकर 'हिन्दू' हो गया.
वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर उपयोग की जाने वाली शीर्ष दस भाषाओं पर एक नजर
दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में पहले पायदान पर अंग्रेजी है, जिसे पूरी दुनिया में 113.2 करोड़ लोग बोलते हैं. वहीं, दूसरे स्थान पर चीन में बोली जाने वाली मैंड्रेन भाषा है, जिसे 111.7 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं. स्पैनिश 534 मिलियन बोलने वालों के साथ चौथे नंबर पर है, जबकि फ्रेंच 280 मिलियन बोलने वालों का दावा करता है.
मानक अरबी और बंगाली क्रमशः 274 मिलियन और 265 मिलियन बोलने वालों के साथ अगले स्थान का दावा करते हैं. रूसी 258 मिलियन बोलने वालों के साथ मजबूत स्थिति में है, जबकि पुर्तगाली और इंडोनेशियाई क्रमशः 234 मिलियन और 199 मिलियन बोलने वालों के साथ सूची में हैं. उर्दू 11वें नंबर पर है, 170 मिलियन से अधिक वक्ता इसे पहली या दूसरी भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
भाषा डेटा के लिए एक ऑनलाइन प्रकाशन एथनोलॉग दुनिया भर में 7,000 से अधिक भाषाओं के अस्तित्व की पुष्टि किया है. आश्चर्यजनक ये हैं कि इस विशाल भाषाई विविधता में से महज 23 भाषाएँ आधी वैश्विक आबादी के संचार पैटर्न के पीछे प्रमुख शक्तियों के रूप में उभरती हैं.