कोई शक नहीं कि वर्तमान में कैंसर सबसे घातक बीमारी है. थोड़ी सी लापरवाही व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकती है, लेकिन विज्ञान के बढ़ते कदम इस भयंकर बीमारी पर अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी है. विशेषज्ञ तो यहां तक दावे कर रहे हैं कि प्रथम स्टेज पर कैंसर पेशेंट उनके संपर्क में आ जाये तो उसका उपचार संभव है, बल्कि उनकी जान भी बचाई जा सकती है. हालांकि इसकी गंभीरता को देखने के बावजूद इसके प्रति लोगों के बीच जागरूकता की कमी देखने को मिलती है. विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) के अवसर पर मेदांता अस्पताल गुड़गांव के कैंसर विशेषज्ञ यहां विभिन्न कैंसरों के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, ताकि समय रहते व्यक्ति अपना उपचार करवा सके.
लगातार दर्द की समस्या
शरीर के किसी हिस्से में लगातार दर्द हो रहा है, तो इस दर्द को पेन किलर के सहारे ज्यादा समय तक ना खींचे, क्योंकि यह कैंसर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है. दर्द निरंतर बने रहने का एक आशय यह भी हो सकता है कि कैंसर शरीर के भीतर ही भीतर फैल रहा है. इस तरह के दर्द के पीछे ओवेरियन कैंसर अथवा बोन कैंसर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए किसी भी तरह के दर्द को दो-तीन दिन से ज्यादा पेन किलर लेकर दूर नहीं करें और किसी अच्छे चिकित्सक से सुझाव लें.
शरीर किसी हिस्से में गांठ का अहसास होना
शरीर के किसी हिस्से विशेष में कोई छोटा-बड़ा गांठ महसूस होता है तो इसे तुरंत डॉक्टर को दिखायें. क्योंकि शोध की रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश गांठ कैंसर हो सकते हैं. ये गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में देखे जा सकते हैं. मसलन स्तन, कांख, पैरों के जोड़ों में अगर समय रहते इसे कैंसर विशेषज्ञ को दिखाया जाये तो इसका भी उपचार समय रहते किया जा सकता है. बता दें कि ये गांठ अकसर दर्द रहित भी हो सकते हैं, इसलिए इसे नजरअंदाज हरगिज नहीं करें. केस बिगड़ने के बाद इसका उपचार मुश्किल हो जाता है.
वजन का गिरना
मौसम परिवर्तन अथवा किसी वजह से खांसी आती है तो उसका मेडिसिन से इलाज किया जा सकता है. खांसी की वजह से कभी-कभी सीने में दर्द भी होता है. लेकिन अगर दवा से लाभ नहीं मिल रहा है तो वक्त खराब किये बिना किसी विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा करें. यह फेफड़े या थायरॉयड कैंसर का लक्षण हो सकता है. अगर समय रहते आप कैंसर विशेषज्ञ से मिल लेते हैं तो इसका उपचार संभव है.
मुंह के छाले
अकसर तीखी एवं ज्यादा खट्टी चीजें खाने से जुबान अथवा मसूड़ों में छाले आ जाते हैं. कभी-कभी पेट की खराबी के कारण भी छाले पड़ सकते हैं. कभी-कभी दांत नुकीले हो जायें, तब भी छाले पड़ सकते हैं. अगर ये छाले दवाओं से ठीक नहीं हो रहे हैं तो देर ना करें किसी नाक-कान-गले के चिकित्सक से सलाह लें. ये भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इसे भी प्रारंभिक स्टेज पर ठीक किया जा सकता है.
वजन का निरंतर गिरना
कभी-कभी खाने-पीने की लापरवाही, डायटिंग अथवा बीमारी की वजह से वजन का कम होना स्वाभाविक है, जिसे दवाओं से ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर वजन लगातार कम होता जा रहा है तो यह अच्छी स्थिति नहीं है. कुछ परिस्थितियों में यह कैंसर हो सकता है, बेहतर होगा किसी विशेषज्ञ से इलाज करवायें. इसका उपचार समय रहते किया जा सकता है.