Shigella Infection: भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप (Coronavirus Outbreak) थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि देश में कोविड-19 (COVID-19) का पहला केस केरल (Kerala) में रिपोर्ट हुआ था और अब कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच केरल में एक और वायरस ने खलबली मचा दी है. केरल में शिगेला संक्रमण (Shigella Infection) को लेकर लोग बेहद खौफजदा हैं. यह संक्रामक वायरस उत्तरी केरल के हिस्सों में तेजी से फैल रहा है और रिपोर्ट के अनुसार, इस संक्रमण के चलते 11 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है. इस नए संक्रमण को देखते हुए एहतियात के तौर पर केरल सरकार ने अडवाइजरी जारी की है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के. शैलजा ने सभी नागरिकों से सतर्क रहने और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की है.
दस्त को शिगेला संक्रमण का मुख्य लक्षण बताया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के कोझीकोड जिले में दस्त के 56 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जिसमें 6 लोगों में शिगेला संक्रमण की पुष्टि हुई है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संक्रामक वायरस दूषित पानी के कारण फैल रहा है और इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है. यह भी पढ़ें: Ultraviolet Lights Kill Coronavirus: इजराइली वैज्ञानिकों ने अध्ययन में किया बड़ा दावा, इस चीज से नष्ट होता है कोरोना वायरस
क्या है शिगेला संक्रमण?
शिगेला बैक्टीरिया एक संक्रामक बीमारी का कारण बनता है, जिसे शिगेलोसिस (Shigellosis) कहा जाता है. शिगेला दुनिया भर में दस्त के प्रमुख जीवाणु कारणों में से एक है. शिगेला मानव मल के द्वारा कुछ हद तक दूषित पानी से फैलता है. दूषित भोजन और सामान्य शौचालय भी इस बैक्टीरिया को संचारित कर सकते हैं.
पेट दर्द, ऐंठन, बुखार और उल्टी इस संक्रमण के मुख्य लक्षण हो सकते हैं. शिगेला के कारण होने वाली बीमारी इलाज योग्य है और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ लोग ठीक हो सकते हैं. अगर समय पर निदान और उपचार नहीं किया गया तो शिगेला संक्रमित व्यक्ति की मौत तक हो सकती है. इस संक्रमण से पीड़ित मरीज को डिहाइड्रेशन और थकान की समस्या हो सकती है. 10 साल से कम उम्र के बच्चों को इस संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है और बुजुर्ग भी इस संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. यह भी पढ़ें: IBS With Constipation: कब्ज के साथ इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से हैं पीड़ित, इसके लिए विकसित किया जा रहा है नया उपचार
क्या है बचाव के उपाय?
इस संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने का सुझाव दिया जाता है. इसके साथ ही उबला हुआ पानी पीना चाहिए. इस संक्रमण से बचाव के लिए अधिकारियों को उचित अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए. विशेषज्ञ ऐसे व्यक्ति को यौन संबंध बनाने से बचने की सलाह देते हैं जो हाल ही में शिगेलोसिस से उबर चुके हैं.