लॉकडाउन के चलते भारत में बढ़ रहे हैं मानसिक बीमारी के मामले, मेंटल हेल्थ बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
मेंटल हेल्थ (Photo Credits: Flickr)

कोरोना महामारी (Coronavirus) के बढ़ते खतरे के चलते देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. देश में बीते दिनों 21 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) घोषित किया गया है. इस लॉकडाउन के चलते जिंदगी की रफ्तार पूरी तरह से थम गई है. लोग अपने घरों में कैद हैं. इस स्थिति में कई लोगों को तनाव का सामना करना पड़ रहा है. जिसका असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. द इंडियन साइकियाट्री सोसाइटी के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि Covid -19 के परिणामस्वरूप देश में मानसिक बीमारी (Mental Illness) से पीड़ित लोगों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. लॉकडाउन में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान क्या करें और क्या नहीं.

इंडिया टुडे के सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, केवल एक सप्ताह में मानसिक रोग के मरीजों में औसतन 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सर्वे में का दावा किया गया है कि हर पांच भारतीयों में से एक इन दिनों मानसिक बीमारी से पीड़ित है. सर्वे में दावा किया गया है कि यह बढ़ोतरी पूर्ण लॉकडाउन के परिणामस्वरूप हुई है क्योंकि लोगों के मन में व्यवसाय, नौकरी, कमाई, बचत या यहां तक कि बुनियादी संसाधनों को खोने का डर बन रहा है. यह भी पढ़ें- Deaths Due to Lockdown in India: देश में लॉकडाउन के कारण अब तक 25 से अधिक की मौत, अधिकतर प्रवासी मजदूर हुए शिकार- रिपोर्ट्स

निष्कर्षों के बारे में अधिक बात करते हुए, नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ मनु तिवारी ने कहा, "लॉकडाउन का लोगों की जीवन शैली पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. वे सीमित संसाधनों के साथ ही रह रहे हैं. वे एंजायटी, पैनिक अटैक, Alcohol Withdrawal Syndrome आदि से पीड़ित हैं. उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि आने वाले वक्त में यह आंकड़ा और बढ़ेगा.

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डवाइजरी जारी की हैं. इसमें बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान क्या करें और क्या नहीं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी को कैसे नियंत्रित किया जाए और कोरोनो वायरस से खुद को कैसे बचाया जाए. मंत्रालय ने भावनात्मक समस्याओं से निपटने के तरीके के बारे में भी बताया और स्थिति बिगड़ने पर लोगों को डॉक्टरों से परामर्श लेने की सलाह दी है.

यहां पढ़ें मंत्रालय ने लोगों को लॉकडाउन से निपटने के लिए क्या सलाह दी है.

सामजिक दूरी कैसे बनाए: 

  1. अपने नियमित कार्यक्रमों में व्यस्त रहें.
  2. नकारात्मक भावनाओं से खुद को बचाने के लिए खुद को संगीत सुनने, पढ़ने, टेलीविजन पर
  3. मनोरंजक कार्यक्रम देखेने में व्यस्त रखें.
  4. अच्छी तरह से खाएं और प्रयाप्त मात्र में तरल पदार्थों का सेवन करें.
  5. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.
  6. शेयरिंग केयरिंग है.
  7. बुजुर्गों को उनकी जरूरत, उनकी दवाई, दैनिक जरूरतें आदि प्राप्त करने में मदद करें.
  8. यदि आपके घर में बच्चे हैं, तो उन्हें घर के कामों में मदद करने के लिए कहें और उन्हें व्यस्त रखें.

भावनात्मक समस्याओं को संभालना:

  1. चिंता के समय, कुछ मिनटों के लिए धीरे-धीरे सांस लेने का अभ्यास करें. कुछ शांत और निर्मल सोचें और अपने दिमाग को आराम दें.
  2. जब गुस्सा और चिढ़ महसूस हो, अपना ध्यान कहीं और लगाएं.
  3. डर लगने पर भी, खुद से इससे निपटें, खुद से इन गतिविधियों को कम करने की कोशिश करें.
  4. दूसरों के साथ जुड़े रहें.
  5. आपकी कोशिशों के बावजूद अगर इनमें से कोई भी भावनाएं कई दिनों तक लगातार बनी रहती हैं तो इस बारें में किसी से बात करें.

इस सब के बीच, केंद्रीय मंत्रालय ने लोगों को उनके निकट और प्रिय लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानने के लिए कहा है. मंत्रालय ने लोगों को इस संकट की घड़ी में एक दूसरे का समर्थन करने के लिए भी कहा है.