Red Ant Chutney: क्या कोविड-19 के इलाज में लाल चींटी की चटनी का किया जा सकता है इस्तेमाल? CSIR, AYUSH मंत्रालय को कोर्ट ने दिया यह निर्देश
लाल चींटी की चटनी (Photo Credits: Twitter)

पूरी दुनिया में पैर पसार चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए वैक्सीन पर जोरों-शोरों से काम किया जा रहा है. इस बीच कहा जा रहा है कि क्या कोविड-19 संक्रमण (COVID-19 Infection) के उपचार में लाल चींटी की चटनी (Red Ant Chutney) का इस्तेमाल किया जा सकता है? इस बाबत उड़ीसा हाईकोर्ट (Orissa High Court) ने आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर (Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) के निदेशकों को तीन महीने के भीतर इसके बारे में पता लगाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश उस जनहित याचिका के जवाब में आया है, जिसमें कोविड-19 संक्रमण के उपचार में लाल चींटी की चटनी की प्रभावकारिता के प्रस्ताव पर अनुसंधान के कथित निष्क्रियता के खिलाफ उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की गई थी.

बारीपदा बेस्ड इंजीनियर नयाधर पढियाल (Nayadhar Padhial) ने 23 जून को सीएसआईआर को प्रस्ताव भेजा था और आयुष मंत्रालय ने 7 जुलाई को प्रस्ताव भेजा था, बाद में उन्होंने अपने प्रस्ताव अनुसंधान द्वारा निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की और इस मसले पर अदालत से निर्देश देने की अपील की. अपनी याचिका में पढियाल ने कहा है कि लाल चींटी की चटनी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक संक्रमण से निपटने में मदद कर सकते हैं और इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है. यह भी पढ़ें: Garlic Protects From Coronavirus? लहसुन को लेकर झूठी खबर फैलाई जा रही है कि इससे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है, यकीन करने से पहले इसे जरूर पढ़ें

इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 24 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि मामले की खूबियों पर कोई राय व्यक्ति किए बिना, यह अदालत रिट याचिका का निपटारा करती है. आयुष मंत्रालय के महानिदेश और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक को प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देती है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका पर तीन महीने के भीतर उचित फैसला किया जाए.

गौरतलब है कि परंपरागत रूप से ओडिशा और छत्तीगढ़ सहित कई राज्यों में आदिवासी लाल चींटी की चटनी का उपयोग दवा के रूप में करते हैं. लाल चींटियों और हरी मिर्च से बनी चटनी का सेवन आदिवासियों द्वारा सर्दी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, थकान या अन्य सामान्य बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है.