
Subhash Chandra Bose Jayanti 2025 Quotes: भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने में जितना योगदान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का रहा है, उतना ही योगदान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी दिया है. मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था, इसलिए हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती (Subhash Chandra Bose Jayanti) मनाई जाती है, जिसे देशभर में पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है. नेताजी ने सन 1919 में 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा लिया था, फिर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने 'आजाद हिंद फौज' का गठन कर, अंग्रेजों के खिलाफ जंग का ऐलान किया. कहा जाता है कि भारतीय सिविल सेवा में चयन होने के बावजूद उन्होंने 1921 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वो कैंब्रिज से भारत लौट आए, फिर देश सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
देश सेवा के लिए अंग्रेजों की नौकरी छोड़ने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं में जोश और देशभक्ति की भावना जगाने के लिए 'तुम मुझे खून दो-मैं तुम्हे आजादी दूंगा', 'जय हिंद- जय भारत' और 'दिल्ली चलो' जैसे कई नारे दिए. ऐसे में सुभाष चंद्र बोस जयंती के इस खास अवसर पर नेताजी के इन 10 क्रांतिकारी महान विचारों को अपनों संग शेयर कर आप उन्हें याद कर सकते हैं.










ब्रिटिश सरकार की गुलामी से देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ और माता का नाम प्रभावती देवी था. जानकीनाथ बोस अपने बेटे सुभाष चंद्र बोस को आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे. नेताजी ने भी अपने पिता की इस इच्छा का सम्मान करते हुए आईएएस की परीक्षा दी और उसमें कामयाब भी हुए. हालांकि उन्हें ब्रिटिश सरकार की हुकूमत में रहकर काम करना मंजूर नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर आजादी की लड़ाई में शामिल होने का फैसला किया. उनका निधन 18 अगस्त 1946 को एक विमान दुर्घटना में हुआ था.