Mother's Day 2019: कब और कैसे हुई मातृ दिवस की शुरुआत, जानिए इससे जुड़ी अलग-अलग मान्यताएं
मदर्स डे 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Mother's Day: जहां तक भारत जैसे अति प्राचीन देश की बात है तो यहां वैदिक काल से ही ‘माँ’ (Mother) का स्थान ‘गुरू’ और ‘ईश्वर’ से भी ऊपर माना जाता है. इसलिए यहां मां के प्रति सम्मान और शिष्टाचार तो हर बेटे के मन में रहता ही है, इसलिए इस देश में ‘मदर्स डे’ (Mother's Day) को महज औपचारिक और समयानुसार चलने की बात कही जाए तो गलत नहीं होगा. अलबत्ता यह सवाल उठना जरूर स्वाभाविक है कि देश दुनिया के मन में मातृ के प्रति यह प्रेम कब व कैसे उजागर हुआ. लोग और कैसे सेलिब्रेट करते हैं इस दिन विशेष को...

हालांकि मातृ दिवस को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों में अलग-अलग मान्यताएं (Mother's Day Beliefs) प्रचलित हैं. चलिए जानते हैं दुनिया के विभिन्न देशों में कैसे मनाया जाता है यह खास दिन.

1908 में अमेरिका में पहली बार मनाया गया ‘मातृत्व दिवस’

पहली बार ‘मातृ दिवस’ किस देश में मनाया गया, इसे लेकर इतिहासकार एकमत नहीं हैं, लेकिन पुष्ट खबरों के अनुसार पहली बार ‘मातृ दिवस’ साल 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया और फिलाडेल्फिया में मनाया गया था. 1914 में अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एक कानून बनाया, जिसके अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया था कि प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को ‘मातृ दिवस’ मनाया जायेगा. इस दिन स्कूल कॉलेजों में अवकाश रहता है.

हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि सर्वप्रथम ‘मातृ दिवस’ जुलिया वॉर्ड होवे ने 1870 में मनाया था. होवे द्वारा 1870 में रचित ‘मदर डेज प्रोक्लामेशन’ में अमेरिकन सिविल वॉर में हुई हिंसा के बाद शांतिवादी प्रतिक्रिया स्वरूप लिखी गई थी. यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था, जिसके अनुसार हर महिलाओं अथवा माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को गढने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए. ग्रीक के लोग वसंत ऋतु पर अपनी देवी माता के नाम पर मातृत्व दिवस सेलिब्रेट करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार रिहिह (ग्रीक में बहुत सारी देवियों की माताओं और क्रोनस की पत्नी) को सम्मान देने के लिए वहां के लोग इसे बड़े भव्य तरीके से मनाते हैं.

ईसाई समाज में मातृत्व दिवस

क्रिश्चियन समाज के लोग यह दिन अपनी मां के सम्मान के लिए चर्च जाकर उनके लिए प्रार्थना करके मनाते हैं. जिनकी माएं जीवित होती हैं, वे अपनी-अपनी मां को ग्रिटिंग कार्ड्स एवं मां की पसंद के अनुरूप गिफ्ट आदि भेंट करते हैं. मां को सम्मान देने के लिए इस दिवस विशेष पर पूरा आराम दिया जाता है. उनके लिए अपने हाथों से लजीज भोजन बनाकर खिलाते हैं. रात के समय सभी लोग किसी रेस्टोरेंट में साथ में डिनर करके मां को सम्मानित करते हैं.

कुछ ने अपने देश की धार्मिक देवी के साथ इसे जोड़ा

ज्यों-ज्यों मदर्स डेज की लोकप्रियता बढ़ती गयी, दूसरे देशों ने भी इसके महत्व को समझा और अपने देश में इसे शुरु करवाया. अलबत्ता सभी देशों ने अपनी सुविधानुसार तारीखों पर मातृत्व दिवस मनाते हैं. बहुत सारे देशों ने इस पर्व को अपने-अपने देश की प्रचलित धर्मों की देवी के जन्म अथवा मृत्यु दिवस के साथ जोड़कर मातृ दिवस सेलिब्रेट करते हैं. उदाहरण के लिए कैथलिक देशों में वर्जिन मैरी डे और इस्लामिक देशों में पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा के जन्मदिन की तारीख पर मदर्स डे के रूप में बदल दिया. यह भी पढ़ें: International Women's Day 2019: जानिए 8 मार्च को क्यों मनाया जाता है वुमंस डे, कैसे हुई इसकी शुरुआत

बदल रही है जापान में मातृ दिवस की परिकल्पना

जापान में मातृ दिवस शोवा अवधि के दरम्यान महारानी कोजुन (सम्राट अकिहितो की मां) के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता था, लेकिन बदले हुए परिवेश में जापान के लोग अब इसे अपनी मां के लिए भी मनाते हैं. इस अवसर पर बच्चे अपनी मां को गुलनार और गुलाब के फूल देकर अपना प्रेम और सम्मान प्रकट करते हैं.

चीन में गरीब माओं की मदद की है परंपरा

चीन में भी मातृ दिवस बड़ी भव्यता मगर शिष्टता के साथ मनाया जाता है. इस दिन चीन में लोग अपनी मां को गुलनार के फूल भेंट करते हैं, जबकि बहुत सारे लोग फूल के साथ अपने सामर्थ्यानुसार गिफ्ट देकर मां को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. इस देश में मातृत्व दिवस को बड़ी संजीदगी से लेते हुए 1997 में यह दिन गरीब माताओं की मदद के लिए निर्धारित किया गया था.

भारत में कस्तूरबा गांधी के सम्मान में मनाते हैं मातृ दिवस

भारत में मातृ दिवस महात्मा गांधी जी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी के सम्मान स्वरूप मनाया जाता है. सन 2003, 11 अप्रैल को कस्तूरबा गांधी की जयंती पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की घोषणा की थी. प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रही कई संस्थाओं के संगठन ‘व्हाइट रिबन अलायंस इंडिया’ (डब्ल्यूआरएआई) ने सुरक्षित मातृत्व की दिशा में जागरुकता लाने के लिए सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की पहल की थी.