International Yoga Day 2023: कौन है विश्व के प्रथम योग-गुरू? कब हुई इसकी शुरुआत? साथ ही जानें चौंकाने वाले तथ्य!
योग दिवस पर जयपुर में एक बड़ा कार्यक्रम होगा जिसमें लगभग 20 हजार लोगों के योग करने की उम्मीद है

विज्ञान ने भी योग को तन और मन को शांत करने का साधन माना है. योग के नियमित प्रयोग से चिंता और तनाव तो दूर होता ही है, साथ ही शरीर चुस्त-दुरुस्त और स्लिम-ट्रिम बनता है. महान फिटनेस गुरू भी योग को सर्वश्रेष्ठ बताते हैं. योग व्यक्ति विशेष को अध्यात्म से भी जोड़ता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है. 21 जून 2023 को विश्व योग दिवस के अवसर पर आइये जानें, योग की उत्पत्ति कहां से हुई? महर्षि पतंजलि को क्यों माना जाता है दुनिया का प्रथम योग गुरू? तथा कब, कैसे और क्यों प्रचलन में आया योग? कैसे करें शुरुआत एवं क्या है इसके लाभ?

योग की उत्पत्ति!

‘योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु 'युज' से हुई है, जिसका अर्थ है, आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से एकाकार होना. हिंदू धर्म में योग को बहुत महत्व है. बताया जाता है कि महर्षि पतंजलि ने 200 ई. पूर्व ‘योगसूत्र’ लेखनीबद्ध किया था. इसके बाद इसकी मांग और लोकप्रियता को देखते हुए ‘योगसूत्र’ को सैकड़ों भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है. बता दें कि योग हिंदू धर्म के 6 दर्शन में से एक है. इस विषय पर अगर आप गहराई से अध्ययन करेंगे तो पायेंगे कि योग का ‘ध्यान’ से भी गहरा संबंध है. बौद्ध धर्म में योग को जहां ‘ध्यान’ से जोड़ा जाता है, वहीं योग का संबंध इस्लाम और ईसाई धर्म से भी जोड़ा जाता है. International Yoga Day 2023: सेक्स जीवन में अभूतपूर्व क्रांति ला सकते हैं योग के ये 5 आसान आसन!

कौन हैं योग के प्रथम गुरू?

हिंदू धर्मग्रंथों में ब्रह्माण्ड का पहला योगी भगवान शिव को बताया गया है. धीरे-धीरे यह परंपरा ऋषि-मुनियों के कठोर तप का प्रतीक बनी. ऋषि-मुनियों के योग से इसके दिव्य शक्ति का अहसास हुआ. इस क्रम में प्रथम योगी थे महर्षि पतंजलि. उन्होंने योग के 195 सूत्रों की रचना की, जिन्हें योग-दर्शन का स्तंभ माना जाता है. पतंजलि ने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से अलग सुव्यवस्थित स्वरूप में प्रस्तुत किया. पतंजलि रचित अष्टांग योग को स्वस्थ जीवन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. उन्होंने द्वितीय एवं तृतीय पाद में अष्टांग योगों यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि का उपदेश दिया. इसलिए पतंजलि को योग का प्रथम गुरू माना जाता है.

कैसे करे शुरूआत?

योग शुरू करने से पहले काफी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि योग एक्सपर्ट्स के अनुसार योग के किसी भी आसन का अभ्यास अपनी इच्छानुसार नहीं करना चाहिए, वरना नुकसानदेह साबित हो सकता है. इसके साथ ही योग के लिए उचित स्थान, कंफर्टेबल पहनावा, खानपान एवं साथ ही योग विशेषज्ञ का होना जरूरी है, क्योंकि योग के हर आसन की अपनी विशेषता, अपनी जरूरत होती है. बिना चिकित्सक की सलाह लिए कोई भी आसन नहीं करना चाहिए. यद्यपि योग के मुख्य आसनों में हठयोगा, विन्यास योग, बिक्रम योग, अष्टांग योग, अयंगर योग, जीवन मुक्ति और कुंडलिनी योग शामिल हैं.

योग के लाभ

योग के विभिन्न आसन तन, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह व्यक्ति के तनाव, चिंता एवं अवसाद (Depression) पर नियंत्रण रखने में सहायक है. आइये जानें योग के विभिन्न आसन आपको किस तरह से लाभ पहुंचा सकते हैं.

* मांसपेशियों को लचीला बनाता है.

* पाचन तंत्र सुचारू पूर्वक कार्य करता है.

* अंदरूनी अंगों को मजबूत बनाता है.

* अस्थमा जैसे लाइलाज बीमारी का इलाज करता है

* मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है.

* हृदय संबंधी जोखिम कम करता है. यद्यपि योगाचार्यों का दावा है कि योग हृदय रोग को जड़ से खत्म कर सकता है.

* त्वचा में स्निग्धता और नेचुरल चमक लाता है.

* संयम और सहनशक्ति को बढ़ाता है.

* चिंता, तनाव एवं अवसाद को जड़ से मिटाता है.

* मन को नियंत्रित करता है.