Chitragupt Puja Muhurat ko: आज है सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश भगवान श्री चित्रगुप्तजी की पूजा! जानें इनका महात्म्य, पूजा-विधि, मंत्र, एवं शुभ मुहूर्त!
चित्रगुप्त पूजा 2021 (Photo Credits: File Image)

हिंदू धर्मानुसार ब्रह्मा की काया से उत्पन्न भगवान चित्रगुप्त महाराज सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं, जिन्हें देवलोक में धर्माधिकारी के रूप में जाता है. हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक मास शुक्लपक्ष की द्वितीया के दिन कायस्थ समाज में भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीचित्रगुप्त जी मनुष्य के पापों का लेखा-जोखा करने के पश्चात मृत मनुष्य को स्वर्ग अथवा नर्क भेजने का फैसला करते हैं, इसलिए इन्हें सृष्टि का प्रथम न्यायाधीश भी माना जाता है. कार्तिक मास शुक्लपक्ष के दिन कायस्थ समाज कलम दवात की पूजा करते हैं. कहते हैं कि चित्रगुप्त जी की पूजा करने से इंसान के सारे पाप कट जाते हैं और उन्हें नर्क की यातनाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस वर्ष चित्रगुप्तजी की पूजा आज यानी 6 नवंबर 2021 के दिन सम्पन्न किया जायेगा. आइये जानें भगवान चित्रगुप्तजी की पूजा-विधि, मंत्र, महात्म्य एवं आरती

चित्रगुप्त पूजा का महात्म्य!

सनातन धर्म के सर्वमान्य ग्रंथ पद्म पुराण, स्कन्द पुराण, ब्रह्म पुराण, यमसंहिता व याज्ञवलक्य स्मृति सहित कई धार्मिक ग्रंथों में भगवान चित्रगुप्त का वर्णन है. इन धार्मिक महाग्रंथों में उल्लेखित है कि भगवान श्री चित्रगुप्तजी की उत्पत्ति सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी की काया से हुई है. एक अन्य कथा के अनुसार चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दरम्यान भी बताई जाती है. समुद्र मंथन से 14 रत्न प्राप्त हुए थे, जिसमें इनकी उत्पत्ति लक्ष्मी जी साथ हुई. देवलोक के धर्म अधिकारी के नाम से जाने जानेवाले भगवान श्रीचित्रगुप्त का संबंध मृत्यु के पश्चात मनुष्य के कर्मों के अनुसार उन्हें स्वर्ग अथवा नर्क भेजने का फैसला करने वाले अधिकारी के तौर पर बताया जाता है. इस दिन भगवान श्रीचित्रगुप्त जी की पूजा के साथ-साथ कलम और दवात की पूजा का भी विधान है. यह भी पढ़ें : Bhaubeej Wishes in Marathi 2021: भाई दूज पर ये मराठी विशेज WhatsApp Sticker और HD Images के जरिये भेजकर दें शुभकामनाएं

पूजा-विधि!

इस दिन भगवान चित्रगुप्तजी की पूजा के लिए एक स्वच्छ चौकी पर लाल आसन बिछाकर उस पर गंगाजल का छिड़काव कर चित्रगुप्त जी की तस्वीर अथवा प्रतिमा स्थापित करें. शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा प्रारंभ करने के क्रम में सर्वप्रथम चित्रगुप्त जी के सामने धूप-दीप प्रज्जवलित करें. उनके सामने अपनी लेखन एवं पाठ्य सामग्री भी रखें. अब श्वेत कागज पर कलम से भगवान श्रीगणेश के नामों का पांच बार लेखन करने के पश्चात चित्रगुप्त जी का पांच बार नाम अंकित करें. इसके उपरांत अपने आराध्य देवी-देवताओं के नाम का लिखित जाप करें. अब भगवान श्रीगणेश, चित्रगुप्तजी एवं पाठ्य पुस्तकों एवं पुस्तिकाओं पर अक्षत, रोली, सिंदूर, पुष्प, पीला चंदन एवं मिष्ठान अर्पित करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने जाने-अनजाने हुए पापों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें. कहते हैं कि सच्चे मन से चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से वे प्रसन्न होकर जातक को मृत्योपरांत नर्क के कष्ट भोगने से मुक्ति का आशीर्वाद देते हैं.

श्रीचित्रगुप्तजी के मंत्र!

मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।

लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।

चित्रगुप्त जी की पूजा का शुभ मुहूर्त!

6 नवंबर 2021, (शनिवार) को दोपहर 01.15 बजे से शाम को 03:25 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन राहु काल सुबह 09.26 बजे से दिन 10.47 बजे तक होने के कारण इस काल में चित्रगुप्त पूजा नहीं किया जाना चाहिए,