![स्वाइन फ्लू का प्रकोप: सुप्रीम कोर्ट के 6 जज H1N1 वायरस से संक्रमित, सभी कर्मचारियों का कराया जा सकता है टीकाकरण स्वाइन फ्लू का प्रकोप: सुप्रीम कोर्ट के 6 जज H1N1 वायरस से संक्रमित, सभी कर्मचारियों का कराया जा सकता है टीकाकरण](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/10/SSSS-380x214.jpg)
नई दिल्ली: एक ओर जहां कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronevirus) थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से मेडिकल इमरजेंसी (Medical Emergency) की खबर आ रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के 6 जज एच1एन1 वायरस (H1N1 Virus) यानी स्वाइन फ्लू (Swine Flu) से संक्रमित पाए गए हैं. मंगलवार को 6 जजों को स्वाइन फ्लू होने की जानकारी देते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा है कि ऐहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में काम करने वाले लोगों के टीकाकरण को लेकर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से डायरेक्शंस देने के लिए कहा गया है. एच1एन1 वायरस के संक्रमण के सामने आने के बाद यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का टीकाकारण किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि सीजेआई एसए बोबडे ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ एक बैठक की. वहीं इस वायरस के प्रकोप के चलते कोर्ट नंबर दो में जस्टिस रमना के नेतृत्व वाली 3 जजों की बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना ने मास्क लगाकर सुनवाई की. यह भी पढ़ें: देशभर में बढ़ रहा है स्वाइन फ्लू का प्रकोप, अगर आप में दिखे ये 7 लक्षण तो तुरंत जाएं डॉक्टर के पास
सुप्रीम कोर्ट के 6 जजों को स्वाइन फ्लू
Medical emergency in Supreme Court. Six judges of the court down with H1N1 flu (popularly called Swine Flu)
— ashok (@ashokbagriya10) February 25, 2020
बता दें कि कुछ समय पहले ही पंजाब के पंचकूला में एक मरीज स्वाइन फ्लू संक्रमित पाया गया था. एच1एन1 वायरस संक्रमण पाए जाने के बाद मरीज को पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था. इसके अलावा पिछले साल देश के विभिन्न इलाकों से स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आए थे. यह भी पढ़ें: खांसी, बुखार को न समझे सामान्य बीमारी, दिखने लगे ये लक्षण तो फौरन कराएं स्वाइन फ्लू की जांच
दरअसल, स्वाइन फ्लू सांस से संबंधित एक गंभीर बीमारी है, क्योंकि समय रहते अगर इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. इससे संक्रमित व्यक्ति में तेज जुकाम, तेज बुखार, भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी, सीने में जलन और सूजन जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. ऐसी स्थिति में मरीज का 24 से 72 घंटे के भीतर इलाज करवाना बेहद जरूरी है,क्योंकि इलाज में लापरवाही मरीज की जान भी ले सकती है.