
जमशेदपुर, झारखंड: अगर मेहनत करें तो जिंदगी में कुछ भी पाया जा सकता है. इस बार को जमशेदपुर के रोहित ने सच कर दिखाया है. रोहित ने नीट 2025 की परीक्षा में 549 मार्क्स हासिल करके डॉक्टर बनने के सपने को साकार कर दिखाया है. कठिन आर्थिक परिस्थिति में भी रोहित ने हार नहीं मानी और आज उनका संघर्ष देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका हैरोहित का परिवार बेहद साधारण है. उनके पिता सब्जी बेचते हैं, जबकि मां गृहिणी हैं.परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए रोहित और उनके भाई ने मोबाइल कवर की एक छोटी सी दुकान शुरू की. पढ़ाई के प्रति लगन इतनी थी कि उन्होंने सिर्फ 800 रुपये फीस देकर सरकारी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की.कोरोना महामारी के दौरान रोहित मेडिकल स्टोर में काम करने लगे.यहीं पर उन्होंने डॉक्टरों को करीब से देखा और इसी दौरान उनके मन में डॉक्टर बनने का संकल्प जागा.
उन्हें NEET परीक्षा के बारे में बड़े भाई से जानकारी मिली और फिर शुरू हुई एक नई यात्रा . कड़ी मेहनत और त्याग की. इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर physicswallah नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:NEET UG 2025 Result Date: आज जारी हो सकती है आंसर की, अगले हफ्ते आएगा फाइनल रिजल्ट; ऐसे करें स्कोरकार्ड चेक
सड़क किनारे मोबाइल कवर बेचनेवाले छात्र ने क्रैक की नीट की परीक्षा
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फिजिक्स वाला की 'यकीन बैच' से मिला साथ
रोहित ने ‘Yakeen 2.0’ नामक बैच में दाखिला लिया, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुफ्त था. उन्होंने दिन में 14 घंटे लाइब्रेरी में पढ़ाई की. इस दौरान कई चुनौतियां आईं , शारीरिक थकावट, आर्थिक दबाव, और परीक्षा के दिन मधुमक्खी के काटने जैसी घटनाएं . लेकिन रोहित का हौसला डगमगाया नहीं.
अलख पांडे खुद पहुंचे जमशेदपुर
PhysicsWallah के संस्थापक अलख पांडे खुद दिल्ली से जमशेदपुर आए और रोहित को सम्मानित किया. उन्होंने कहा, 'रोहित ने दिखा दिया कि अगर आपके भीतर जुनून है, तो हालात चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, सफलता दूर नहीं रहती.