हाल ही में मशहूर अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने सोशल मीडिया पर उन पोस्ट्स की कड़ी आलोचना की, जिनमें दावा किया जा रहा था कि सीताराम येचुरी 'ईसाई' थे और उन्होंने हिंदू नाम धारण किया हुआ था. यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ यूज़र्स ने सीपीआई(एम) नेता के शव की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि उनके शव को ताबूत में रखने का कारण उनका ईसाई होना था.
सीताराम येचुरी का 12 सितंबर को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था. वह गंभीर फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे और लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थे. उनकी मृत्यु के बाद, सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनके धर्म को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए.
स्वरा भास्कर ने इन पोस्ट्स का जवाब देते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि कॉमरेड सीताराम येचुरी ने धर्म परिवर्तन किया था." उन्होंने आगे लिखा, "उनका शरीर ताबूत में इसलिए रखा गया है क्योंकि उसे सुरक्षित किया गया था, क्योंकि उनका शरीर AIIMS को चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान किया गया है. यह जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है."
स्वरा ने इन झूठे दावों की आलोचना करते हुए लिखा, "संगही कचरे की मूर्खता मुझे हमेशा चौंका देती है."
The FLAMING IDIOCY of Sanghi trash will never fail to amaze me!!! (Read full post)
1. There is nothing wrong with being a Christian or converting to Christianity or any faith if you feel spiritually so inclined.
2. I doubt that Comrade Sitaram Yechury converted. His body is in a… pic.twitter.com/yMtETWX1ps
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 14, 2024
येचुरी के धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर क्या कहा गया?
स्वरा भास्कर द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट के स्क्रीनशॉट में लिखा था, "तो सीताराम येचुरी ईसाई थे, इसीलिए उन्हें हिंदू धर्म से इतनी नफरत थी. वैसे, ये लोग अपने राजनीतिक जीवन में अपनी धार्मिक पहचान क्यों छिपाते हैं?"
कुछ यूजर्स ने हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तन करने पर अपने हिंदू नामों का उपयोग बंद करने की भी मांग की. इस विवाद के बीच, AIIMS ने एक बयान जारी कर यह स्पष्ट किया कि सीताराम येचुरी के परिवार ने उनका शरीर शिक्षा और अनुसंधान के लिए दान किया है.
संसद में सीताराम येचुरी ने दी थी अपनी धार्मिक पृष्ठभूमि की जानकारी
सीताराम येचुरी, जो राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे, ने अपने विदाई भाषण में अपनी धार्मिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला था. उन्होंने कहा था, "मेरा जन्म मद्रास के जनरल अस्पताल (अब चेन्नई) में एक तेलुगु बोलने वाले ब्राह्मण परिवार में हुआ था. मेरी स्कूली शिक्षा हैदराबाद में एक इस्लामी सांस्कृतिक माहौल में हुई, जो निज़ाम के शासन के तहत थी. मैंने एक ऐसी महिला से शादी की है, जिनके पिता इस्लामी सूफी आदेश से हैं."
उन्होंने आगे कहा था, "मेरे बेटे को किस रूप में जाना जाएगा? क्या वह ब्राह्मण है? मुस्लिम है? हिंदू है? वह क्या है? मेरे बेटे को भारतीय से बेहतर कुछ भी नहीं परिभाषित कर सकता. यही हमारा देश है."
सीताराम येचुरी का निधन 72 वर्ष की आयु में हुआ. वे 19 अगस्त को निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे और गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में थे. उनके अंतिम दिनों में उन्हें श्वसन सहायता दी जा रही थी, और उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही थी.
स्वरा भास्कर की इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनका समर्थन किया और यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा का विषय बन गया.