Surya Grahan 2020: 21 जून को साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लग रहा है, जिसे कई मायनों में बेहद खास माना जा रहा है. विज्ञान के नजरिए से भले ही इसे एक खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन धार्मिक नजरिए से देखा जाए तो ग्रहण को लेकर विभिन्न तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) से करीब 12 घंटे पहले सूतक (Sutak) लग जाता है और सूतक काल के दौरान कई नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सूतक की शुरुआत के साथ ही वातावरण में नकारात्मक शक्तियों (Negative Energies) का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के साथ कई चीजों को करना वर्जित माना जाता है. भगवान पर ग्रहण या सूतक का प्रभाव न पड़ सके, इसके लिए सूतक की शुरुआत के साथ ही तमाम मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
21 जून 2020 (रविवार) को लगने वाले सूर्य ग्रहण के चलते उत्तराखंड (Uttarakhand) के चारों धामों (Char Dham) बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट आज राज सूतक काल की शुरुआत के साथ बंद कर दिए जाएंगे. ग्रहण के बाद मंदिर परिसरों की साफ-सफाई करने के बाद द्वार खोले जाएंगे और पूजा-अर्चना की जाएगी.
देखें ट्वीट-
उत्तराखंड: आज रात 10.25 बजे से सूतक शुरू होगा जो 21जून रविवार की दोपहर 1.53 बजे तक रहेगा। धर्माधिकारी के मुताबिक कल रविवार को दो बजे के बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी। (फाइल तस्वीरें बद्रीनाथ-केदारनाथ) https://t.co/kLfjwMlQHu pic.twitter.com/EMtn7BaNZH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2020
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि सूर्य ग्रहण भले ही कल है, लेकिन सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाएगा, इसलिए चारों धामों के कपाट आज रात 10 बजे से बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि रविवार दोपहर 2 बजे के बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी और द्वार को फिर से खोला जाएगा. यह भी पढ़ें: Surya Grahan 2020 Sutak: कब लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक, यहां जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं, बरतें ये सावधानियां
गौरतलब है कि साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण कुंडलाकार सूर्य ग्रहण है, जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जा रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज चंद्रमा की छाया में लगभग पूरी तरह से ढंक जाएगा और उसके केवल बाहरी किनारे का गोलाकार भाग दिखाई देगा. इस दौरान सूर्य एक अंगूठी की तरह नजर आएगा, इसलिए इस खगोलीय घटना को रिंग ऑफ फायर भी कहा जा रहा है.