गुवाहाटी: बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) के पारित हो जाने के बाद एक ओर जहां पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ इस बिल के विरोध में हिंसक प्रदर्शन की खबरें भी आ रही हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने पर इसके हिंसक विरोध का अंदेशा जताते हुए असम में कर्फ्यू बढ़ाए जाने के कुछ घंटे बाद ही प्रदर्शनकारियों द्वारा असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) के डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) स्थित घर पर पथराव किए जाने की खबर है. इसके साथ बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने चबुआ (Chabua) और पनटोला रेलवे स्टेशनों (Panitola railway stations) पर जमकर तोड़फोड़ की और वहां की संपत्तियों में आग लगा दी.
प्रदर्शनकारियों के इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया रेलवे स्टेशनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसके साथ ही गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है. चबुआ और पनटोला रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की घटना के अलावा असम की राजधानी में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा लाखों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की खबर है.
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में हिंसक प्रदर्शन
Stones pelted at house of Assam Chief Minister Sarbananda Sonowal in Dibrugarh: Official
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2019
हालांकि इससे पहले भारतीय रेलवे ने 12 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और असम के कई समूहों ने 12-13 दिसंबर को रेल रोको विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन कर तिनसुकिया और लुमडिंग डिवीजन में रेलवे लाइन की पटरियों पर आंदोलन का आह्वान किया गया है. यह भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से पास, पक्ष में पड़े 125 वोट, विपक्ष में 105
इस बीच हजारों आंदोलनकारियों के सड़कों पर उतरने, पुलिस के साथ झड़प और राज्य को अराजकता में डुबो देने की खबरों ने सुर्खियां बटोरी. बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए राज्य के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट को 24 घंटे तक के लिए बंद कर दिया गया है. मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध बुधवार शाम 7 बजे से गुरुवार शाम 7 बजे तक प्रभावी होगा. मोबाइल इंटरनेट पर यह प्रतिबंध लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और असम के कामरूप जिलों में लगाया गया है.
गौरतलब है कि सोमवार देर रात यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है और बुधवार को राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच यह बिल पास हो गया है. इस बिल के तहत बांग्लादेश (Bangladesh), अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. इस बिल के अनुसार, हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.