नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) विपक्ष के लगातार किये जा रहे हंगामे के बावजूद राज्यसभा से पास हो गया है. बताना चाहते है कि इसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े. उल्लेखनीय है कि इस बिल के तहत बांग्लादेश (Bangladesh), अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इससे पहले इस बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि इस विधेयक के चलते कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी. लेकिन विपक्ष सिर्फ इस बात पर ध्यान दे रही है कि मुस्लिम को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं. वही यह बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया है.
राज्यसभा में अमित शाह ने बहस के दौरान यह भी कहा कि नागरिकता पहली बार नहीं दी जा रही है. पहले बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी गई नागरिकता. जब श्रीलंका की समस्या थी तब उसको एड्रेस किया गया. आज तीन देशों में अल्पसंख्यकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए हम इसको संज्ञान में ले रहे हैं. यह भी पढ़े-नागरिकता संशोधन बिल 2019 लोकसभा से पास, पक्ष में पड़े 311 वोट, विपक्ष में 80
#CitizenshipAmendmentBill2019 passed in Rajya Sabha;
125 votes in favour of the Bill, 105 votes against the Bill pic.twitter.com/P10IqkSlCs
— ANI (@ANI) December 11, 2019
ज्ञात हो कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने बिल को असंवैधानिक बताया है. मैं सभी सवालों के जवाब दूंगा. उन्होंने आगे कहा कि इस देश का बंटवारा अगर नहीं होता तो ये विधेयक नहीं लाना पड़ता. इसके साथ ही बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये विधेयक लाना पड़ा है. देश की दिक्कतों को हल करने के लिए मोदी सरकार आयी है.