जयपुर: आरक्षण (Reservation) की मांग कि लेकर राजस्थान के गुर्जर समुदाय के लोग एक नवंबर से आंदोलन पर जा रहे थे. हालांकि वे आंदोलन पर ना जाए सरकार की तरफ से शनिवार को गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत चल रही थी. उनके आंदोलन पर जाने से पहले सरकार की तरफ से राज्य के भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और झालावाड़ में रासुका लगने के साथ ही करोली में धारा 144 लगा दिया गया था. लेकिन सरकार और गुर्जर नेताओं (Gujjar Leaders) के बीच शनिवार को चली बातचीत के बाद उनकी तरफ से आंदोलन पर नहीं जाने को लेकर फैसला लिया गया.
गुर्जरों के नेता हिम्मत सिंह गुर्जर (Himmat Singh Gurjar) जिनके अगुवाई में एक नवंबर यानी रविवार को राजस्थान में सरकार के विरोध में आंदोलन निकलने वाला था. उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा (Minister Raghu Sharma) के साथ मुलाकात के बाद उनकी बातचीत काफी सकारात्मक रही, 14 मुद्दों पर सहमति से वे संतुष्ट हैं. इसलिए आंदोलन की कोई जरूरत नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार अपना वादा पूरा करेगी. यह भी पढ़े: Gujjar Reservation Protest: राजस्थान में आरक्षण को लेकर 1 नवंबर से गुर्जरों का आंदोलन, भरतपुर समेत कई जिलों में सरकार ने NSA लगाया
We had a very positive discussion & we're satisfied with the 14 points that we've agreed on. There is no need for agitation and we hope the government will meet its promises: Himmat Singh Gurjar, leader of Gurjar faction whose delegation met #Rajasthan Minister Raghu Sharma today pic.twitter.com/0xniEPhFvZ
— ANI (@ANI) October 31, 2020
बता दें कि इसके पहले 17 अक्टूबर को गुर्जर नेताओं ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वे भरतपुर में हुई महापंचायत में समुदाय द्वारा की गई मांगों को स्वीकार करें अन्यथा समुदाय 1 नवंबर से आंदोलन करेगा. यह महापंचायत गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने आयोजित की थी और इसमें हिम्मत सिंह समेत समुदाय के अन्य नेता शामिल हुए थे. (इनपुट आईएएनएस)