Rajasthan: दिल्ली में राजस्थान का मसला सुलझाएगी कांग्रेस
अजय माकन (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) के नेताओं और विधायकों (MLA) से फीडबैक लेने के बाद कांग्रेस (Congress) महासचिव अजय माकन (Ajay Maken) दिल्ली (Delhi) लौट आए हैं. कुछ दिनों में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर वह इस मुद्दे और राज्य इकाई में किए जाने वाले समायोजन पर चर्चा करेंगे. पंजाब (Punjab) में बदलाव के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता राजस्थान के मुद्दे को सुलझाने के इच्छुक हैं, जहां नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को राज्य प्रमुख बनाया गया है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार और प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल होने के आसार हैं. Rajasthan: सीएम Ashok Gehlot का ऐलान- राजस्थान में 2023 तक सभी किसानों को दिन में मिलेगी बिजली

सूत्रों का कहना है कि माकन के अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद, अंतरिम पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी और महासचिव द्वारा निर्णयों को लागू करने के लिए अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य के प्रमुख सचिन पायलट नई दिल्ली में हैं और विद्रोह के एक साल बाद अपने वफादारों को समायोजित करने के लिए राज्य में बोडरें और निगमों में मंत्रिमंडल विस्तार और नियुक्तियों पर जोर देने के लिए पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

माकन ने दिल्ली लौटने से पहले सभी 115 कांग्रेस विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आमने-सामने बातचीत की. बदलाव का संकेत देते हुए उन्होंने कहा था कि कुछ मंत्रियों ने इस्तीफा देने और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की है. "कुछ लोग कैबिनेट पदों को छोड़कर संगठन के लिए काम करना चाहते हैं. हमें ऐसे लोगों पर गर्व है."

पायलट की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा, "हर कोई आलाकमान पर भरोसा करता है और सभी ने एकजुट स्वर में कहा है कि वे आलाकमान द्वारा दी गई किसी भी भूमिका को स्वीकार करेंगे."

विधायकों के साथ माकन की बैठक के बाद, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, जो कांग्रेस घोषणापत्र कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष हैं और सांसद अमर सिंह शनिवार को जयपुर में थे, जो कांग्रेस द्वारा दिए गए निदेशरें के अनुसार पार्टी घोषणा पत्र में किए गए वादों की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए थे. समिति की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जहां गहलोत ने कहा कि 64 फीसदी वादे या 501 में से 321 पूरे हो चुके हैं.