
नई दिल्ली. भारत ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत(आईसीजे) के फैसले का स्वागत किया, जिसमें पाकिस्तान (Pakistan) को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की मौत की सजा की समीक्षा करने और उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ‘‘ऐतिहासिक फैसला’’ मामले पर भारत के रूख को मान्य ठहराता है. भारत ने पाकिस्तान से आईसीजे के फैसले को तुरंत लागू करने को कहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा कि हम कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई और भारत वापसी के लिए जोर-शोर से काम करना जारी रखेंगे. कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा, ‘‘हम कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) से संबंधित मामले में द हेग में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत द्वारा भारत के पक्ष में सुनाए गए फैसले का स्वागत करते हैं.’’ यह भी पढ़े-क्या अभिनदंन की तरह कुलभूषण जाधव की ICJ के फैसले के बाद होगी वतन वापसी? इमरान खान से है भारत को उम्मीदें
to provide Indian consular officers access to him in accordance with Vienna Convention. We expect Pakistan to implement directive immediately. This judgement validates India's position on the case. We'll continue to work vigorously for Jadhav's early release & return to India.2/2 https://t.co/d0KeepH0GF
— ANI (@ANI) July 17, 2019
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को सुनाई गयी फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए. इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है.
Raveesh Kumar, MEA on #KulbhushanJadhav verdict: We welcome the justice delivered just now by ICJ in Hague, in the favour of India. The court by a vote of 15-1 has upheld India's claim that Pakistan is in violation of Vienna Convention on several counts. pic.twitter.com/TAnAkJAjJu
— ANI (@ANI) July 17, 2019
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी. इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गौर किया है, अदालत ने निर्देश दिया है कि पाकिस्तान (Pakistan) का कर्तव्य है कि वियना समझौते के अनुसार जाधव (Kulbhushan Jadhav) को उनके अधिकारों के बारे में बिना किसी देरी के अवगत कराए और भारतीय राजनयिक पहुंच प्रदान करे.’’