कौन होगा ईरान का नया राष्ट्रपति
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

हेलीकॉप्टर हादसे में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद अब ईरान का नेतृत्व कौन करेगा? फिलहाल प्रथम उप राष्ट्रपति का नाम सबसे आगे है.ईरान के संविधान में "राष्ट्रपति की मृत्यु, बर्खास्तगी, इस्तीफे या बीमारी के चलते दो महीने से ज्यादा समय तक अनुपस्थित रहने की सूरत में" देश के प्रथम उप राष्ट्रपति को सत्ता संभालने का अधिकार दिया गया है. रविवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की पुष्टि होने के बाद अब प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर देश की सत्ता संभाल सकते हैं.

खमेनेई की भूमिका

मोखबेर को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त करने के लिए ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई की अनुमति की जरूरत होगी. ईरान के सभी राजकीय मसलों में अयातोल्लाह अली खमेनेई की मंजूरी जरूरी है.

ईरानी संविधान के मुताबिक, अंतरिम राष्ट्रपति के नियुक्ति के बाद, 50 दिन के भीतर राष्ट्रपति चुनाव होंगें और स्थायी राष्ट्रपति चुना जाएगा. राष्ट्रीय चुनाव कराने की जिम्मेदारी संसद के स्पीकर, न्यायपालिका के प्रमुख और उप राष्ट्रपति की काउंसिल पर है.

ईरान में राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल का होता है. साथ ही एक राजनेता दो बार ही राष्ट्रपति पद पर रह सकता है. तेहरान की राजकीय व्यवस्था में कोई प्रधानमंत्री नहीं होता है. राष्ट्रपति की मदद के लिए कई उप राष्ट्रपति होते हैं, जो कैबिनेट की नियुक्ति और उसे दिशा निर्देश देने में राष्ट्रपति की मदद करते हैं.

2021 में राष्ट्रपति बनते समय रईसी ने 68 साल के मोखबेर को उप राष्ट्रपति नियुक्त किया था. दक्षिणपश्चिमी ईरान के खुजेस्तान प्रांत में पैदा हुए मोखबेर, उप राष्ट्रपति बनने से पहले कई सरकारी पद संभाल चुके हैं. मोखबेर को अयातोल्लाह अली खमेनेई का विश्वासपात्र भी माना जाता है. मोखबेर 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद जब्त की गई संपत्ति के प्रबंधन से जुड़े शीर्ष अधिकारी रह चुके हैं.

काफिले के मुख्य हेलीकॉप्टर क्रैश

इब्राहिम रईसी और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लैन को पड़ोसी देश अजरबैजान से वापस ला रहा हेलीकॉप्टर रविवार को उत्तर पश्चिमी ईरान की पहाड़ियों के पास क्रैश हो गया. रईसी और अब्दुल्लैन, अजरबैजान में एक संयुक्त बांध परियोजना का उद्घाटन कर लौट रहे थे. राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलीकॉप्टर थे. दो सुरक्षित ईरान वापस लौट आए.

रईसी और विदेश मंत्री बेल 212 हेलीकॉप्टर में सवार थे. अमेरिका में बने इस हेलीकॉप्टर को ईरान ने 1979 की इस्लामिक क्रांति से पहले खरीदा था. इस्लामिक क्रांति के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण ईरान अपने ज्यादातर विमानों और हेलिकॉप्टरों को अपडेट नहीं कर सका है.

रविवार को राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के रडार से लापता होने के बाद, 10 घंटे से ज्यादा लंबा सर्च अभियान चला. हादसे वाले इलाके में सड़क न होने और घना कोहरा लगे होने के कारण सर्च अभियान में बाधा आई. आखिकार सोमवार को एक पहाड़ी पर हेलिकॉप्टर का मलबा मिला. ईरानी मीडिया में दिखाई जा रही तस्वीरों में हेलीकॉप्टर का कैबिन पूरी तरह जला हुआ नजर आ रहा है और उसके आस पास किसी के जिंदा बचने के कोई सबूत नहीं थे. हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति, विदेश मंत्री, पायलट और को पायलट समेत कुल नौ लोग सवार थे.

अयातोल्लाह अली खमेनेई ने राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि राजकीय मुद्दों में कोई व्यवधान नहीं आएगा.

ओएसजे/आरपी (एएफपी, रॉयटर्स)