Farooq Abdullah on Diwali 2024: 'आतंकी आते रहते हैं, हम उन्हें मारते रहेंगे', कश्मीर एनकाउंटर पर बोले फारूक अब्दुल्ला, दिवाली पर की खास अपील
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बारामुला: जम्मू-कश्मीर ने हाल ही में एक बार फिर आतंकवाद का दंश झेला, जब बारामुला में एक आतंकवादी हमले की खबर आई. इस हमले ने एक बार फिर से प्रदेश के लोगों को चिंतित कर दिया है, लेकिन जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (जेकेएनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस मुश्किल समय में लोगों को एकजुट रहने की अपील की है. उन्होंने कहा, "हर किसी को दीवाली मनानी चाहिए. यह एक बहुत बड़ा त्योहार है. मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूँ कि वे जम्मू और कश्मीर के लोगों पर कृपा करें."

फारूक अब्दुल्ला का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश में सुरक्षा स्थिति काफी तनावपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दीवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है जब सभी लोग मिलकर खुशियां मनाते हैं और आपसी एकता को दर्शाते हैं. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे इस पर्व को मनाने में पीछे न हटें, बल्कि इसे धूमधाम से मनाएं.

आखनोरी मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया

फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में हुए आखनोरी मुठभेड़ पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "मुठभेड़ होती रहती है, इसमें कुछ नया नहीं है. आतंकवादी आते रहते हैं और हम उन्हें मारते रहेंगे." उनके इस बयान ने सुरक्षा बलों के प्रयासों को मान्यता दी है, जो लगातार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान कभी भी जम्मू-कश्मीर में अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सकता." अब्दुल्ला ने भारत की ताकत को उसकी विविधता और एकता में बताया, और अपील की कि सभी को आपसी भाईचारे को मजबूत करना चाहिए ताकि देश में शांति और विकास का माहौल बना रहे.

आतंकवाद और अलगाववाद का सामना 

फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि जो लोग जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान से जोड़ने की सोच रखते हैं, वे कभी सफल नहीं हो सकेंगे. उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुट है और हमेशा रहेगा." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक नफरत देश की एकता के लिए खतरा है और इसे खत्म करना आवश्यक है. "हमें अपनी विविधता को बनाए रखना होगा. चाहे हमारी भाषा, धर्म या संस्कृति कोई हो, हम सभी भारतीय हैं," उन्होंने कहा.

रघुनाथ बाजार और परंपराओं का महत्व 

रघुनाथ बाजार की रौनक खोने का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने बताया कि 2022 में उपराज्यपाल द्वारा दरबार मूव की परंपरा को रोकने के बाद यह बाजार अपनी पहचान खोता जा रहा है. उन्होंने इस परंपरा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो भाईचारे को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी.

विकास और स्थानीय प्रशासन की आवश्यकता 

अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए कदम उठाने की आवश्यकता बताई. उन्होंने कहा, "हम सड़कों की हालत सुधारना चाहते हैं और स्मार्ट सिटी में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहते हैं." उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की, जिससे स्थानीय अधिकारियों को ऊंचे पदों पर नियुक्त किया जा सके.

अब्दुल्ला ने यह भी कहा, "पिछले 75 वर्षों में स्थानीय अधिकारियों ने राज्य का संचालन किया है और इसे देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बनाया है. लेकिन पिछले पांच वर्षों में हम पीछे चले गए हैं. हमें इसे फिर से नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा.