Farmers Tractor Rally: ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव के बाद एसपी-बीएसपी ने की कृषि कानून रद्द करने की मांग
एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती (Photo Credits-PTI/Twitter)

लखनऊ, 27 जनवरी: देश की राजधानी दिल्ली में किसान रैली के दौरान हुए उपद्रव के बाद विपक्षी दल एसपी-बएसपी ने सरकार को घेरते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग उठाई है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर हिंसा की निंदा की है. बुधवार को मायावती ने ट्विट किया और लिखा कि, देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई नहीं होना चाहिए था. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से जरूर लेना चाहिए. साथ ही, बीएसपी की केन्द्र सरकार से पुन: यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके.

मायावती के ट्वीट के बाद अखिलेश यादव का भी एक ट्वीट आया. जिसमें उन्होंने लिखा, भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है. अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है. भाजपा अपनी नैतिक जि़म्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद्द करे. दरअसल, समाजवादी पार्टी और बएसपी शुरू से ही खुद को किसानों के साथ खड़ा दिखाते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रही है.

यह भी पढ़ें: Farmers Tractor Rally: दिल्ली पुलिस ने 22 प्राथमिकियां की दर्ज, सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की कर रही है पहचान

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से डेरा डाले किसानों ने गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली का वादा किया था, लेकिन जब आंदोलनकारी सड़कों पर उतरे तो सारे वादे टूट गए. किसानों के नाम पर उपद्रवियों ने दिल्ली में घुसकर जमकर हंगामा किया. सुरक्षा के सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए. किसान तय रूट पर जाने की बजाए राजधानी के अंदरूनी हिस्सों में घुसने की जद्दोजहद करने लगे. इस कोशिश में अक्षरधाम रोड, आईटीओ, मुकरबा चौक आदि स्थानों पर उनकी पुलिस से हिंसक झड़प हुई. पथराव व तोड़फोड़ की गई. पुलिस ने अराजक तत्वों को खदेड़ने के लिए लाठियां भांजी. वहीं, दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के अराजक हो जाने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.